सिसोदिया ने कोर्ट में कहा- मुझे जेल में रखने का फायदा नहीं

शराब घोटाला : आप नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी

नई दिल्ली। दिल्ली के कथित शराब घोटाले में फरवरी के अंत से ही जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। हालांकि, कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को मनीष सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ‘आप’ नेता की ओर से कई दलीलें रखीं और अपने मुवक्किल को निर्दोष बताते हुए जमानत की मांग की। जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने सिसोदिया की ओर से दायर किए गए दो अलग-अलग याचिकाओं पर लंबी सुनवाई की। अलग-अलग तारीखों पर ईडी और सीबीआई की ओर से पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और सिसोदिया के वकील सिंघवी से कई सवाल-जवाब किए। कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के

सिंघवी ने कहा कि आबकारी नीति का फैसला संस्थागत था और कई स्तरों पर निर्णय लिया गया। सिंघवी ने कहा, ‘कुछ भी मुझसे (सिसोदिया) प्रत्यक्ष नहीं जुड़ा हुआ है। सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं, मुझे जेल में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। विदेश भागने का कोई खतरा नहीं है।’ विवादित आबकारी नीति की वजह से शराब की कीमतें बढ़ने के ईडी के दावे का का जवाब देते हुए सिंघवी ने कहा, ‘कीमतें बढ़ने का ईडी का बयान गलत है। नीति के बाद ग्राहकों के लिए भी कीमतों में कमी आई।’

पारदर्शी है नीति

सिंघवी के माध्यम से सिसोदिया ने यह भी कहा कि नीति को पारदर्शी तरीके से तैयार किया गया था और समितियों से सलाह भी ली गई थी और एलजी ने मंजूर किया था। सिंघवी ने कहा, ‘इंडोस्प्रिट को लेकर यह आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता (सिसोदिया) ने अधिकारियों पर इंडोस्प्रिट को लाइसेंस देने का दबाव डाला। लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है। फाइल दिखाता है कि उन्होंने नियम के मुताबिक काम करने को कहा। ऐसा कुछ नहीं है जो दिखाए कि उन्होंने लाइसेंस देने को कहा।’

जस्टिस खन्ना ने सिसोदिया से कहा कि वे (ईडी) नहीं कह रहे हैं कि पैसा आपको मिला, उनका कहना है कि आपने अपराध में मदद की। इस पर सिसोदिया के वकील ने कहा, ‘मेरे खिलाफ लेनदेन का कोई सबूत नहीं है। उनका कहना है कि कंपनी को फायदा हुआ और चूंकि इस नीति को मैंने बनाया जिसने कंपनी की मदद की, मैं शामिल हूं। यह तो बहुत दूर की कौड़ी है।’

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