‘भाजपा चाहती है हर फैसला दिल्ली में हो, हम इसके खिलाफ’

-मिजोरम में राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

आइजोल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मिजोरम के आइजोल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अधिकतर भाजपा नेताओं के बच्चे वंशवादी हैं। अमित शाह का बेटा तो क्रिकेट चला रहा है। वहीं, उन्होंने कहा कि वह विकेंद्रीकरण चाहते हैं, लेकिन भाजपा इसके खिलाफ है। राहुल गांधी ने पत्रकारों से पूछा कि अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे तमाम भाजपा नेताओं के बच्चे क्या कर रहे हैं? आखिरी बार सुना था कि अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट चला रहा है। उन्होंने कहा, ‘अनुराग ठाकुर जैसे तमाम भाजपा के बच्चे वंशवादी हैं।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह मिजोरम के लोगों को संदेश देना चाहते हैं, वो बहुत स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी के पास एक कार्यक्रम है, एक रिकॉर्ड है। बाकी दोनों पार्टियां जेडपीएम और एमएनएफ भाजपा और आरएसएस के राज्य में प्रवेश करने के लिए हथियार हैं। उन्होंने कहा, ‘जब हम संस्कृति, धर्म पर हमले की बात करते हैं, तो उस हमले के साधन भाजपा-आरएसएस और वे दल हैं जो उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं।’

देश के 60 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व कर रहा इंडिया गठबंधन

राहुल गांधी ने आइजोल में कहा कि इंडिया गठबंधन देश के 60 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व कर रहा है। गठबंधन अपने मूल्यों, संवैधानिक ढांचे और स्वतंत्रता की रक्षा करके भारत के विचार की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा आपकी मान्यताओं की नींव के लिए खतरा है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम विकेंद्रीकरण में विश्वास करते हैं। जबकि भाजपा का मानना है कि सभी फैसले दिल्ली में होने चाहिए। वहीं, आरएसएस का मानना है कि भारत को एक विचारधारा, संगठन द्वारा शासित होना चाहिए। इसका हम विरोध कर रहे हैं।’

बेरोजगारी के आंकड़े सभी के सामने

मिजोरम के एक अन्य जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि एमएनएफ सरकार में बेरोजगारी के आंकड़े सभी के सामने हैं। ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। बीते पांच सालों में 250 युवाओं की जिंदगी समाप्त हो गई। एमएनएफ की सरकार खुल तौर पर मिजोरम के विचार का विरोध करने वालों का समर्थन कर रही है। स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल हैं और फंड को भी जारी करने में असफल रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मिजोरम ने हिंसा से शांति का दौर देखा है। राज्य को 1987 में राज्य का दर्जा मिला और उसके बाद से राज्य ने लंबा रास्ता तय किया है। आज की युवा पीढ़ी ने हिंसा का वह दौर नहीं देखा है लेकिन पिछली पीढ़ी जरूर इसके बारे में जानती होगी।

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