मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, पूर्वी इंफाल में दो गुटों में भीषण गोलीबारी

  • सुरक्षाबलों ने स्थिति को संभाला

इंफाल। कई दिनों की शांति के बाद हिंसाग्रस्त मणिपुर में गुरुवार सुबह एक बार फिर से दो गुटों में भीषण गोली-बारी की खबर आ रही है। गोली बारी की यह यह घटना पूर्व इंफाल और उखरूल जिले की सीमावर्ती इलाके में हुई। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सुरक्षाबलों ने स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है। सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार अल सुबह करीब 3 से 3.30 बजे के बीच, संदिग्ध मैतेई हथियारबंद बदमाशों और कुकी हथियारबंद बदमाशों के बीच गोलीबारी शुरू हुई। लगभग 20 से 30 राउंड फायरिंग की आवाज ट्विचिन और फिमोल (कुकी गांव) और सबुनखोक खुनौ (मैतेई गांव) गांव के पास सुनी गई। यह घटना यिंगनपोकपी पुलिस स्टेशन, इंफाल पूर्वी जिला (इम्फाल पूर्व, कांगपोकपी और उखरुल जिले का सीमावर्ती क्षेत्र) में हुई। बाद में गोरी बारी बंद हो गई। जानकारी के मुताबिक इसके बाद सुबह लगभग 8.40 बजे फिर से संदिग्ध मैतेई सशस्त्र बदमाशों और कुकी सशस्त्र बदमाशों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। एक बार फिर से गोलीबारी की घटना शुरू होने के बाद सिमोल गांव में तैनात 20 जाट रेजिमेंट के जवानों को स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी। इसके बाद करीब 10.00 बजे फायरिंग बंद रही।

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वीडियो-तस्वीरों को फैलाने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई’

मणिपुर में पांच महीने से अधिक समय से हिंसा जारी है। इस बीच, हिंसाओं से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। पहले महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने फिर दो मैतेई युवकों को गोली मारने की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। अब राज्य सरकार ने हिंसा को भड़काने वाली वीडियो को लेकर सख्ती की है। उन्होंने राज्य में हिंसा और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी वीडियो को जो भी बढ़ावा देगा उस पर मामला दर्ज किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से भड़क रही हिंसा

बता दें, यह आदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर लगातार वीडियो और तस्वीरों के वायरल होने के बाद आया है। हाल ही में, दो मैतेई युवकों को गोली मारकर फिर कुकी भाषा बोलने वाले लोगों के एक समूह द्वारा उन्हें गड्ढे में दफनाने का वीडियो सामने आया था। हालांकि, अभी तक घटनास्थल और दफनाने की जगह का पता नहीं चल पाया है।

आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई

मणिपुर गृह विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि सरकार ने मामले की जांच के बाद हिंसा भड़काने वाले वीडियो और तस्वीरों को फैलाने से रोकने का फैसला किया है। ऐसी कोई तस्वीर या वीडियो जो हिंसा को भड़का सकती हैं, उन्हें अपने पास न रखें। इन तस्वीरों को पुलिस अधीक्षक को उचित कार्रवाई के लिए जमा कर सकता है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर किसी ने इन नियमों को नहीं माना तो उसे सख्त सजा दी जाएगी। उस पर आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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