‘सारे आरोप झूठे व फर्जी हैं, चीन से एक पैसा नहीं आया’

-‘न्यूजक्लिक’के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ने अदालत से कहा

नई दिल्ली। गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किये गए समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की तरफ से उनके वकील कपिल सिब्बल ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उनके खिलाफ आरोप ‘झूठे’ व ‘फर्जी’ हैं, और ‘‘चीन से एक पैसा तक नहीं आया है।’चीन के समर्थन में दुष्प्रचार करने के लिए कथित तौर पर पैसे प्राप्त करने को लेकर पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया गया है।न्यायमूर्ति तुषार राव गडेला ने पुरकायस्थ और न्यूज पोर्टल के मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया। पुरकायस्थ और चक्रवर्ती ने इन याचिकाओं में, अपनी गिरफ्तारी और सात दिन की पुलिस रिमांड को चुनौती दी है।

जांच एजेंसी का दावा

इससे पहले, जांच एजेंसी ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए दावा किया था कि ‘न्यूजक्लिक’ ने देश की स्थिरता और अखंडता के लिए संकट की स्थिति पैदा करने के मकसद से चीन में रह रहे एक व्यक्ति से 75 करोड़ रुपये प्राप्त किये थे। न्यायमूर्ति गडेला ने दोनों पक्षों को करीब दो घंटे सुनने के बाद कहा, कि आरोपियों की आगे कोई भी हिरासत समाचार पोर्टल के दोनों व्यक्तियों की याचिकाओं पर उसके आदेश पर निर्भर करेगी।

3 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी

पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय का रुख कर अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद की पुलिस हिरासत को चुनौती दी थी तथा अंतरिम राहत के तौर पर तत्काल रिहाई का अनुरोध किया था। जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला ‘गंभीर अपराधों’ से जुड़ा हुआ है और जांच अब तक जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘करीब 75 करोड़ रुपये हैं…जांच जारी है और मैं इसे केस डायरी से दिखा सकता हूं…यह चीन में रह रहे एक व्यक्ति से आया तथा मकसद यह सुनिश्चित करना था कि स्थिरता और खासतौर पर इस देश की अखंडता को संकट में डाला जाए।’मामले में पुरकायस्थ की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस दावे का खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी तथ्य झूठे हैं। चीन से एक पैसा तक नहीं आया…पूरा मामला फर्जी है।

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