तीन वैज्ञानिकों को भौतिकी का नोबेल

परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का अध्ययन

स्टाकहोम। भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इस बार उन तीन वैज्ञानिकों को देने की घोषणा की गई है जिन्होंने सेकेंड के सबसे छोटे हिस्से के दौरान परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का अध्ययन किया। अमेरिका में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के पियरे अगस्टीनी, जर्मनी में मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ क्वांटम ऑप्टिक्स तथा लुडविग मैक्सिमिलियन यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिक के फेंरेस क्रौस और स्वीडन स्थित लुंड यूनिवर्सिटी की एने लुइलिये को भौतिकी के क्षेत्र में योगदान के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने मंगलवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की। एकेडमी के अनुसार, उनके प्रयोगों ने मानवता को परमाणुओं और कणों में इलेक्ट्रॉन की दुनिया का अन्वेषण करने के नये औजार उपलब्ध कराये हैं। इसमें कहा गया है कि उन्होंने प्रकाश की अत्यंत छोटी तरंगें बनाने का तरीका प्रदर्शित किया है जिसका उपयोग उन तीव्र प्रक्रियाओं को मापने के लिए किया जा सकता है जिनमें इलेक्ट्रॉन चलते हैं या ऊर्जा बदलते हैं।

लुइलिये पांचवीं महिला

वीडन स्थित लुंड यूनिवर्सिटी की एने लुइलिये भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पांचवीं महिला हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। मैं इसे प्राप्त करने पर बहुत खुश हूं। यह इसलिए भी बहुत खास है क्योंकि ज्यादा महिलाओं ने यह सम्मान हासिल नहीं किया है।

अल्फ्रेड नोबेल की याद में पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है, जिनका 1896 में निधन हो गया था। पिछले साल यह पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया था जिन्होंने साबित किया था कि लघु कण अलग किए जाने के बाद भी एक दूसरे से संपर्क बनाकर रखते हैं।

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