लश्कर चीफ हाफिज सईद के करीबी की गोली मारकर हत्या

  • सिंध में मस्जिद अबूबकर के कैसर फारूख को बनाया गया निशाना

-मासूम बच्चों को ब्रेनवॉश की जिम्मेदारी इसी इमाम की थी

(फोटो : आतंकी)

कराची। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में बच्चों को आतंक का पाठ पढ़ने वाले और लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के खास कैसर फारूक की अज्ञात हमलावरों ने कराची में गोली मारकर हत्या कर दी है। इस घटना के बाद जेल में हाफिज सईद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक सिंध प्रांत के कराची के सोहराब गोट में पोर्ट कासिम की जामिया मस्जिद अबूबकर के एक इमाम की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में जो वीडियो सामने आया है उसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि यह इमाम मुफ्ती कैसर फारूक था, जो मस्जिद से वापस आ रहा था। तभी मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात हमलावरों ने उस पर गोलियों की बौछार कर दी. इस गोलीबारी में कैसर फारूक की मौत हो गई और उसके साथ चल रहा एक छात्र घायल हो गया। फारूक खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान इलाके का रहने वाला था। लश्कर मासूम बच्चों को आतंक की ट्रेनिंग देने के लिए तैयार करता था। उनके ब्रेनवॉश की जिम्मेदारी इस मौलवी की थी।

वर्चस्व की लड़ाई

पाकिस्तानी खुफिया संगठनों का अनुमान है कि हाफिज सईद के जेल जाने के बाद लश्कर-ए-तैयबा में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है, जिसके चलते लश्कर प्रमुख के सहयोगियों को एक-एक कर मारा जा रहा है। हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंकवादी वारदातों में उसकी संलिप्तता के लिए लंबी सजा सुनाई है, जिसके चलते उसका जेल से निकलना फिलहाल असंभव बताया जा रहा है। यह बात दीगर है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से हाफिज समय-समय पर जेल के बाहर आता रहता है। फिलहाल इस घटना के बाद से हाफिज की जेल में उसकी सेल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। कैसर फारूक प्रतिबंधित और नामित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सदस्यों में से एक है।

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