14 देशों के 40 खालिस्तानियों की खुफिया बैठक, 87 देशों के लिए रची खतरनाक साजिश

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के हाथ खतरनाक जानकारी लगी है। सूत्रों के अनुसार, खालिस्तान को लेकर खतरनाक मंसूबों वाली एक बड़ी बैठक सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में की गई है। इस बैठक में दुनिया के चौदह देशों के 40 खालिस्तानी चरमपंथियों ने शिरकत की। इस दौरान बैठक में मौजूद चरमपंथियों ने तय किया कि खालिस्तान की आवाज उठाने और जनमत संग्रह में सिखों को शामिल करने के लिए हर तरह के खतरनाक कदम तक उठाने होंगे। गुपचुप तरीके से वॉशिंगटन में आयोजित की गई इस बैठक की जानकारी केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के हाथों लगी है। जानकारी के मुताबिक उन देशों में खालिस्तानी चरमपंथियों के प्रभाव को और बढ़ाने की बात कही गई, जहां पर अभी तक सिख समुदाय इस तरह के विवाद में बिल्कुल नहीं पड़ा है। तकरीबन 87 देश में अपनी खतरनाक खालिस्तान मुहिम को बढ़ावा देने के लिए ‘मिशन सिख जॉइंट’ को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा हुई है।

पन्नू ने किया बैठक का आयोजन

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में दुनिया भर के 14 मुल्कों से आए खालिस्तानी चरमपंथियों की एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का आयोजन भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से समूची दुनिया में खालिस्तान को लेकर भारत के विरोध में बड़ी साजिश रचने के लिए किया गया था। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों को मिले इनपुट के हवाले से पता चला कि सितंबर के पहले सप्ताह आयोजित की गई इस बैठक में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, हांगकांग, पुर्तगाल, इटली, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर और केन्या से आए 40 खालिस्तानी चरमपंथियों ने तकरीबन दो दिन तक बैठक में मंथन किया कि किस तरह से खालिस्तान की आवाज को दुनिया के अलग-अलग देश में रह रहे सिख कम्युनिटी में बढ़ाया जाए। भले इसके लिए कितनी भी खतरनाक प्लानिंग क्यों ना करनी पड़े।

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान बैठक में जुटे 40 खतरनाक चरमपंथियों ने ‘मिशन सिख जॉइंट’ के नाम से बड़े अभियान को आगे बढ़ाने की खतरनाक तरीके से साजिश रचनी शुरू की। जानकारी के मुताबिक कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के 14 प्रमुख खालिस्तान चरमपंथियों ने प्रस्ताव रखा कि जिन देशों में सिख समुदाय रहता है, वहां पर खालिस्तान की मांग और उसके लिए किए जाने वाले जनमत संग्रह को और बढ़ाने की आवश्यकता है। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान वॉशिंगटन की इस बैठक में खालिस्तान चरमपंथी एमआर धालीवाल भी मौजूद था। खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में तय किया गया कि दुनिया के तकरीबन 87 देश में रह रहे सिखों की हर छोटी बड़ी आबादी में खालिस्तान के लिए माहौल बनाया जाए। सूत्रों के मुताबिक जिस मिशन को वॉशिंगटन इस बैठक में आगे बढ़ाने की रणनीतियां बनाई गई हैं, वह बेहद खतरनाक हैं।

केंद्रीय खुफिया एजेंसी को मिले इनपुट के आधार पर पता चला है कि शुरुआती दौर में जिन देशों के लिए यह खतरनाक साजिश की जा रही है, वहां पर सिखों को भावनात्मक रूप से अपने साथ जोड़ने की पहली रणनीति शामिल है। जानकारी के मुताबिक सिखों के उत्पीड़न से लेकर भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद हुई त्रासदी पर भावनात्मक रूप से सभी सिखों को जोड़ने की बात कही गई है। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान तय यही हुआ है कि जिस तरह कनाडा में गुरुद्वारों के माध्यम से सिखों के बीच में खालिस्तान की बात पहुंचाई जा रही है, ठीक उसी तर्ज पर दुनिया के अलग-अलग देश में इसे आधार बनाकर आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इसमें ऑडियो वीडियो और चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से खालिस्तानियों ने खतरनाक मंसूबों को आगे बढ़ाने की साजिश रची है।

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