ईडी ने कुर्क की 125 करोड़ से अधिक की जमीन

यूनिटेक मामले में केंद्रीय एजेंसी की बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली। ईडी ने यूनिटेक समूह से जुड़े धन शोधन के आरोपों की जांच के सिलसिले में यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड की 125.06 करोड़ रुपए की जमीन को अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया है। यह मामला यूनिटेक समूह से घर खरीदने वालों की शिकायतों से उत्पन्न आरोपों से जुड़ा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। ईडी ने 4.79 एकड़ जमीन की 39.83 फीसदी हिस्सेदारी को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह जमीन चेन्नई में यूनीवर्ल्ड सिटी टाउनशिप का हिस्सा है। ईडी ने बयान में कहा, कुर्क की गई जमीन की कीमत 125.06 करोड़ रुपए है। उक्त भूमि का स्वामित्व यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड के पास है, जिसमें 39.83 फीसदी साझेदारी नार्निल इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (यूनिटेक समूह के प्रवर्तक चंद्रा की एक बेनामी कंपनी) के पास हैं। बयान में कहा गया है कि यूनिटेक ग्रुप, उसके प्रवर्तकों और अन्य के खिलाफ घर खरीदारों की शिकायतों पर दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामलों दर्ज किया गया था। इस मामले में धनशोधन के आरोपों की जांच के सिलसिले में ईडी ने यह कार्रवाई की है। बयान के अनुसार, ईडी ने जांच में पाया कि यूनिटेक के चंद्रा ने कथित तौर पर अपराध की आय से अर्जित 125.06 करोड़ रुपयों को 2009-10 में नार्निल इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड में निवेश किया था जो कि उपरोक्त कंपनी की 39.83 फीसदी हिस्सेदारी से हासिल हुई थी। जांच में पाया गया कि नार्निल इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर चंद्रा बंधुओं का स्वामित्व है और इसका प्रबंधन उनके सहयोगियों द्वारा किया जा रहा था।

अब तक पांच गिरफ्तार

ईडी ने कहा, जांच के दौरान, ईडी ने संजय चंद्रा, अजय चंद्रा, रमेश चंद्रा, प्रीति चंद्रा और राजेश मलिक नाम के पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। अब तक ईडी द्वारा दो शिकायतें दायर की गई हैं और धन-शोधन निवारण अधिनियम अदालत द्वारा इसका संज्ञान लिया गया है। ईडी अब तक कुल 1,257.61 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर चुकी है।

पीएफआई के सदस्यों से जुड़े ठिकानों पर छापे

ईडी ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ से जुड़े धन शोधन के एक मामले में केरल में सोमवार को कई स्थानों पर छापे मारे। राज्य के एरणाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी जारी है। वायनाड और त्रिशूर जिलों में पूर्व पीएफआई नेताओं अब्दुल समद और लतीफ के घरों पर भी छापे मारे गए। सूत्रों ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन के वित्त पोषण के कथित स्रोत का पता लगाने के लिए छापे मारे गए।

केंद्र सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को पीएफआई को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक ‘गैरकानूनी’ संगठन घोषित किया था और उस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसा समझा जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय कथित आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन के संबंध में जांच कर रहा है।

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