इसरो के वैज्ञानिकों ने चलाया है दुनिया भर में अपने नाम का सिक्का
(फोटो : इसरो चीफ)
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दूल कलाम ने एक बार कहा था कि अगर किसी देश को तरक्की के बुलंदियों पर पहुंचना है तो उसे साइंस और टेक्नोलॉजी में बेहतर करना होगा। तब वह भारत के अंतरिक्ष संस्थान में साइंटिस्ट के तौर पर काम कर चुके थे। आज भारतीय इसरो का जलवा पूरी दुनिया में है। हाल ही में इसरो चीफ एस सोमनाथ जिनका पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है, उनके नेतृत्व में भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद पर पहुंचाया था। उनके नेतृत्व और काम के प्रति लगन की चर्चा पूरी दुनिया में आज के समय में हो रही है। कहा जाता है कि अगर नेतृत्व करने वाले में जान होती है तो वह किसी भी मिशन को सफल कर देता है। ऐसे में अब सवाल यह लोग उठा रहे हैं कि जिस व्यक्ति के वजह से आज भारत स्पेस की दुनिया में कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। उस व्यक्ति को कितने रूपये सैलरी के रूप में मिलती है, आइए जानते हैं…
कितनी होती है इसरो चीफ की सैलरी?
इस समय इसरो के चीफ हैं एस सोमनाथ. अभी उनकी सैलरी प्रति महीने 2.5 लाख रुपये है। यह वेतन हम आपको 7वें वेतन आयोग के मुताबिक बता रहे हैं। इसरो चीफ को सैलरी के अलावा केंद्र सरकार उन्हें कई दूसरी बेनिफिट्स भी देती है। जैसे घर, गाड़ी और आने जाने का खर्च। साथ ही इनको वाय प्लस लेवल की सुरक्षा भी मिली हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, नासा अपने वैज्ञानिकों को इसरो की तुलना में 5 गुना अधिक वेतन देता है। उनको सालाना 72,416 डॉलर यानी 57 लाख भारतीय रुपये मिलते हैं।
इसरो के वैज्ञानिकों की कितनी होती है सैलरी?
भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन यानी इसरो में सैलरी अलग-अलग रैंक के हिसाब से तय होती है। वहां चपरासी से लेकर वैज्ञानिकों तक की भर्ती के लिए अलग-अलग स्तर की परीक्षाएं होती हैं। जैसे- इसरो में अगर कोई व्यक्ति इंजीनियर के पोस्ट पर ज्वॉइन करता है तो उसकी शुरुआती सैलरी 37,400 से 67,000 तक होती है। जबकि, अगर कोई इसरो में सीनियर साइंटिस्ट के पद पर भर्ती होता है तो उसकी साटार्टिंग सैलरी 75,000 से 80,000 के बीच होगी। यहां आपको जो भी सैलरी हम बता रहे हैं वो बेसिक पे के आधार पर है। यानि इसमें कई तरह के भत्तों को अगर मिला दिया जाए तो ये एक लाख के करीब पहुंच जाएगी।
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