कर्नल मनप्रीत के थे आखिरी शब्द-बाद में बात करूंगा, अभी ऑपरेशन चल रहा

-कर्नल मनप्रीत की मां बेखबर, मेजर आशीष की मां बोलीं- बेटे को करूंगी सैल्यूट

–मुठभेड़ में शहादत की खबर आने के बाद लोगों में गुस्सा, पाक के खिलाफ लगे नारे

इंट्रो

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद अफसरों में कर्नल मनप्रीत सिंह भी थे। कर्नल सिंह ने आखिरी बार अपने परिवार से बुधवार सुबह बात की थी। उस समय वह व्यस्त थे। उन्होंने परिवार से कहा था कि वह बाद में बात करेंगे। अभी ऑपरेशन चल रहा है। शहीद मेजर आशीष धौंचक पानीपत के रहने वाले थे। कर्नल मनप्रीत की मां को अभी बेटे के शहीद होने की खबर नहीं दी गई है। मेजर आशीष की मां बोलीं- मैंने एक शेर बेटे को जन्म दिया था। मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। मैं अपने बेटे को सैल्यूट करूंगी।

नई दिल्ली/जम्मू। शहादत की खबर मिलने के बाद अफसरों के घर मातम है। मोहाली के मुल्लांपुर के साथ लगते गांव भड़ौंजिया के कर्नल मनप्रीत सिंह (41) शहीद हो गए हैं। उनकी शहादत की खबर जैसे ही गांव पहुंची मातम छा गया। गांव वालों की आंखें नम थीं। हर कोई उनकी बहादुरी के चर्चे कर रहा था।कर्नल मनप्रीत सिंह 12वीं सिख एलएल से थे। उन्हें सेना मेडल मिल चुका है। मनप्रीत सिंह के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने सुबह 6.45 बजे मनप्रीत से बात की थी। गिल ने कहा, उन्होंने कहा कि वह बाद में बात करेंगे। अभी सैन्य ऑपरेशन चल रहा है।

मेजर आशीष की मां बोलीं- मैंने एक शेर बेटे को जन्म दिया था। मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। मैं अपने बेटे को सैल्यूट करूंगी। उसे अपनी झोली में लूंगी, मैं रोउंगी नहीं। हम सातों को रोता हुआ छोड़कर चला गया। वहीं, मेजर आशीष नया घर बनाया था। अब इस घर में उनकी पार्थिव देह पहुंच रही है। इधर, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो और पुलिस के एक अधिकारी के शहीद होने के बाद सुरक्षाबलों ने लश्कर के दो आतंकियों को घेर लिया है। सेना और पुलिस दोनों मिलकर आतंकियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वहीं आतंकियों को ढूंढने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक इन दोनों में से एक का नाम उजैर खान है।

मनप्रीत का 6 साल का बेटा, दो साल की बेटी

मनप्रीत के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे हैं। उनकी 2 साल की बेटी और एक 6 साल का बेटा है। बुधवार में दोपहर में परिवार को पता चला कि वह ऑपरेशन में घायल हो गए हैं। उनकी मौत की खबर मिलने के बाद भी परिवार ने उनकी पत्नी को यही बताया था। पत्नी को गुरुवार सुबह उनकी मौत की जानकारी दी गई।

नए घर में प्रवेश न कर सके मेजर आशीष

मेजर आशीष 2 साल की बेटी वामिनी के पिता थे। उनकी पत्नी ज्योति भी गृहिणी है। उनका परिवार अभी पानीपत के सेक्टर 7 में किराए के मकान में रहता है। मेजर का सपना था कि अपने खुद के घर में रहें। इसके लिए उन्होंने टीडीआई सिटी में अपना नया घर बनवाया था। उनके मामा महावीर ने बताया कि 3 दिन पहले आशीष से फोन पर बात हुई। अगले महीने 23 अक्टूबर को आशीष छुट्‌टी लेकर टीडीआई में बन रहे नए मकान में गृह प्रवेश के लिए आने वाले थे। हालांकि इससे पहले ही आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए। पानीपत के मेजर आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की। 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली।

पुलिस ने दो आतंकवादियों को ‘घेरा’

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर’ लिया है। कश्मीर जोन पुलिस ने ‘एक्स’ पर बताया, कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट, जिन्होंने इस अभियान के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी, उनकी अटल वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हमारी सेनाएं उजैर खान सहित लश्कर के दो आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं।

जम्मू में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक दिन पहले आतंकवादियों के साथ मुठेभड़ में तीन सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने के बाद गुरुवार को जम्मू शहर में विभिन्न स्थानों पर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किये गए। पनुन कश्मीर और एक सनातम भारत दल (ईएसबीडी) ने शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की मांग की। जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के बाद पाकिस्तान भारत की लोकप्रियता से बौखला गया है। यही कारण है कि वे जम्मू कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। वे क्षेत्र में दिक्कतें उत्पन्न करना चाहते हैं।

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