आदेश की अवमानना करने वालों पर अदालतों को दया दिखाने की जरूरत नहीं’

-सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि न्यायिक संस्थानों के उदार रवैये ने बेईमान वादियों को आदेश की अवमानना करने या उल्लंघन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर अवमाननाकर्ता उन्हें एक शक्तिशाली हथियार और कानूनी चाल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो अदालतों को दया दिखाने की जरूरत नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से यह टिप्पणी तब सामने आई जब वह गुजरात उच्च न्यायालय के एक मामले पर फैसला सुना रही थी। उच्च न्यायालय ने संपत्ति विवाद में 2015 में दिए गए वचन की जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए ‘अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971’ के तहत पांच लोगों को सजा सुनाई थी।

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