मणिपुर हिंसा : यूएन की रिपोर्ट को भारत ने बताया ‘भ्रामक’

  • कहा- अनुचित और अनुमानों पर आधारित है यह

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों द्वारा मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए रिपोर्ट जारी की गई है। यूएन की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने इसे भ्रामक बताया है। भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। भारत ने साफ कहा, “यह रिपोर्ट अनुचित और अनुमानपूर्ण और भ्रामक है और पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सोमवार 4 सितंबर को मणिपुर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की खबरों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इसके बाद मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को सोमवार को जारी नोट वर्बेल में, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारतीय मिशन ने रेखांकित किया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है और भारत सरकार शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। भारत सरकार देश की जनता सहित मणिपुर की जनता के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मिशन ने कहा कि भारत का स्थायी मिशन इस समाचार विज्ञप्ति को पूरी तरह से खारिज करता है क्योंकि यह न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है, बल्कि मणिपुर की स्थिति और इसे संबोधित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर समझ की पूरी कमी को भी दर्शाता है।

संरा की रिपोर्ट

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा मणिपुर में यौन हिंसा, गैर-न्यायिक हत्याएं, गृह विनाश, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्यों सहित “गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और दुर्व्यवहार” की रिपोर्टों पर चिंता जताई थी। विशेषज्ञों ने कहा, “कथित हिंसा में सामूहिक बलात्कार, महिलाओं को सड़क पर नग्न घुमाना, गंभीर पिटाई के कारण मौत होना और उन्हें जिंदा या मृत जला देना शामिल है।” विशेषज्ञों ने मई 2023 में मुख्य रूप से हिंदू मैतेई और मुख्य रूप से ईसाई कुकी जातीय समुदायों के बीच सामुदायिक संघर्ष के नवीनतम दौर के बाद मणिपुर में गंभीर मानवीय स्थिति के मद्देनजर “अपर्याप्त मानवीय प्रतिक्रिया” की ओर भी इशारा किया।

एसपीएमएच को भारत ने दी नसीहत

विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (एसपीएमएच) द्वारा ‘भारत: मणिपुर में निरंतर दुर्व्यवहार से चिंतित संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ’ शीर्षक से जारी समाचार विज्ञप्ति जारी की गई थी। इस पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए एसपीएमएच को सलाह दी कि वह अपनी रिपोर्ट को तथ्यों के आधार पर बनाए। भविष्य के लिए आशा है कि वह ऐसा नहीं करेंगे। भारत के स्थायी मिशन ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया कि एसपीएमएच ने 60 की प्रतीक्षा किए बिना प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का फैसला किया।

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