पूरे रफ्तार में सूर्य की ओर जा रहा आदित्य, चार बार बदलेगा ऑर्बिट

  • तय स्थान एल-1 पर पहुंचने के बाद मिलेगी हर दिन 1440 तस्वीरें

(फोटो : आदित्य एल1)

नई दिल्ली। आदित्य-एल1 बेहद चुस्त-दुरुस्त स्थिति में अपनी यात्रा कर रहा है। अभी वह 18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार ऑर्बिट बदलेगा। एक बार आदित्य अपने तय स्थान पर पहुंच जाए यानी एल1 तक पहुंच जाएगा। तब वह हर दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा। यह तस्वीरें आदित्य में लगा विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) लेगा। माना जा रहा है कि पहली तस्वीर फरवरी या मार्च में मिलेगी।

वीईएलसी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है। सूर्ययान में लगा वीईएलसी सूरज की एचडी फोटो लेगा। इस पेलोड में लगा कैमरा सूरज के हाई रेजोल्यूशन तस्वीरे लेगा। धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा है ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह 15 लाख किमी की लंबी यात्रा को पूरा कर सके। ये यात्रा पूरी करने के बाद जब आदित्य एल1 पर पहुंच जाएगा, तब उसके सारे पेलोड्स ऑन किए जाएंगे। यानी उसमें जितने भी यंत्र लगे हैं, वो एक्टिव हो जाएंगे। वो सूरज की स्टडी शुरू कर देंगे।

पांच साल का मिशन

इसरो वैज्ञानिकों ने आदित्य-एल1 मिशन को पांच साल के लिए बनाया है। लेकिन अगर यह सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है। सूरज से रिलेटेड डेटा भेज सकता है। लेकिन इसके लिए उसे पहले एल1 पर पहुंचना जरूरी है। साथ ही सुरक्षित रहना भी।

धरती से 15 लाख किमी दूर है लैरेंज प्वाइंट

अब सवाल ये उठता है कि लैरेंज प्वाइंट क्या है? यह अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी जगह है जो धरती और सूरज के बीच सीधी रेखा में पड़ती है। धरती से इसकी दूरी 15 लाख किलोमीटर है। सूरज और धरती की अपनी-अपनी ग्रैविटी है। एल1 प्वाइंट पर ही इन दोनों की ग्रैविटी आपस में टकराती है। या यूं कहें जहां पर धरती की ग्रैविटी का असर खत्म होता है। वहां से सूरज की ग्रैविटी का असर शुरू होता है। इसी बीच के प्वाइंट को लैरेंज प्वाइंट धरती और सूरज के बीच ऐसे पांच लैंरेंज प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं।

सूरज और धरती की सीधी रेखा के बीच स्थित है एल1

भारत का सूर्ययान लैरेंज प्वाइंट वन यानी एल1 पर तैनात होगा। इससे स्पेसक्राफ्ट का ईंधन कम इस्तेमाल होता है। वह ज्यादा दिन काम करता है। एल1 सूरज और धरती की सीधी रेखा के बीच स्थित है। यह सूरज और धरती की कुल दूरी का एक फीसदी हिस्सा है। यानी 15 लाख किलोमीटर. सूरज से धरती की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है

यह स्टडी करेगा आदित्य-एल1

  • सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर होता है।
  • आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा।
  • सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा।
  • सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।

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