-जम्मू-कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है। सुनवाई के 12वें दिन केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव करवाए जाएंगे और सरकार इस दिशा में काम कर रही है ताकि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सके। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से बेहद तीखे सवाल पूछे। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अकेला नहीं है जहां ऐसी समस्या है। आजकल पूर्वोत्तर और पंजाब में भी ऐसी ही स्थिति है। क्या किसी राज्य को बांटने से समस्या का समाधान हो सकता है? सीजेआई ने पूछा कि सरकार कैसे कह सकती है कि एक राज्य में शक्तियों के बंटवारे से इसका गलत इस्तेमाल नहीं होगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का मामला एकदम अलग है। एसजी तुषार मेहता ने कहा था कि अगर गुजरात और मध्य प्रदेश को बांटना होगा तो पैरामीटर एकदम अलग होगा।
कोर्ट ने पूछा
कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 को लेकर संविधान सभा ने कहा था कि यह केवल एक सिफारिश है लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि राज्य पर राष्ट्रपति का शासन थोप दिया जाएगा। कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि उसे आर्टिल 370 हटाने के लिए अपनायी गई प्रक्रिया बतानी होगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या किसी पूर्ण राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल देने का अधिकार सरकार के पास है?
कश्मीर को बांटा
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को संसद में प्रस्ताव पारित होने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान है जबकि लद्दाख पूरी तरह केंद्र शासित है। चार साल पूरे होने के बाद भी अब तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराए गए हैं। एसजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
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