- असम राइफल्स ने राजनेता के खिलाफ किया मानहानि का केस
इंफाल। मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना में मंगलवार सुबह दो समूहों के बीच भारी गोलीबारी हुई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि राहत शिविर में रह रहा एक ग्राम रक्षा स्वयंसेवक अचानक बम फटने से मारा गया। एक अन्य व्यक्ति के कंधे पर गोली लगी है। उसे इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। दूसरी ओर, असम राइफल्स ने संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को हतोत्साहित करने के लिए मणिपुर के एक राजनेता को कानूनी नोटिस भेजा है। शिलॉन्ग के एक वकील की ओर से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-अठावले) के राष्ट्रीय सचिव महेश्वर थौनाओजम को 18 अगस्त को नोटिस भेजा गया था।
थौनाओजम ने माफी मांगने से किया इनकार
मामले में थौनाओजम ने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे। वह भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आजादी के हकदार हैं। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। मैंने एक सवाल पूछा था। मैंने एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक मैतेई के रूप में बात की थी। यहां हर मैतेई जानता है कि असम राइफल्स के कुछ अधिकारी कुकी की मदद कर रहे हैं। इसे साबित करने के लिए वीडियो है।
असम राइफल्स ने आरोपों को झूठा करार दिया
असम राइफल्स ने ऐसे झूठे आरोप और मानहानि के लिए लिखित और सार्वजनिक माफी मांगी और उनसे 30 जून को दिल्ली में मैतेई शहीदों के शोक कार्यक्रम में दिए गए बयान को वापस लेने के लिए कहा।
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चार उग्रवादी गिरफ्तार
इस बीच पुलिस ने मंगलवार को बताया कि अलग-अलग अभियानों में अलग-अलग संगठनों के चार उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए। तलाशी अभियान के दौरान पुलिस टीमों ने इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर जिलों से एनएससीएन (आईएम) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक-एक उग्रवादी और कांगलेइपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) (लामयांबा खुमान गुट) के दो ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। ऑपरेशन के दौरान छह आग्नेयास्त्र, पांच कारतूस और दो विस्फोटक भी जब्त किए गए।
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कांग्रेस का हंगामा, काला झंडा फहराया, विधानसभा सत्र बिना चर्चा के स्थगित
मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। 120 दिनों से जारी हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच राज्य सरकार की मांग पर आज विधानसभा का एक दिन का सेशन होना था। इसमें राज्य में शांति बहाली को लेकर चर्चा की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन सत्र अनिश्चित-काल के लिए स्थगित हो गया। एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस विधायकों के हंगामे के चलते ये सत्र स्थगित हुआ। विधायकों की मांग थी कि इस सत्र को कम से कम पांच दिन के लिए बढ़ा देना चाहिए। वहीं, दो मंत्रियों समेत 10 विधायकों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए सत्र में शामिल होने से इनकार कर दिया। मणिपुर कांग्रेस ने सत्र को असंवैधानिक बताया और इसके विरोध में इंफाल के कांग्रेस भवन में काला झंडा फहराया।
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