चंद्रयान-3 का थर्मामीटर ऑन, चांद की सतह में पल-पल बदल रहा तापमान

—सतह पर 50 डिग्री, गहराई में शून्य से 10 डिग्री नीचे

-इसरो ने पेलोड द्वारा चंद्र सतह पर मापी गई तापमान भिन्नता का जारी किया ग्राफ

इंट्रो

चांद के दक्षिणी ध्रुव की हर पहेली से अब तक दुनिया अंजान है, मगर भारत का चंद्रयान 3 लगातार चंद्रमा के चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन करता जा रहा है। चंद्रयान 3 के पेलोड विक्रम लैंडर ने चांद की मिट्टी के तापमान का आकलन किया है। दुनिया को अब पहली बार पता चलेगा कि चंद्रमा पर सतह का ताप किस तरह परिवर्तित होता है। इसरो ने ‘चेस्ट’ उपकरण द्वारा चंद्र सतह पर मापी गई तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया। इसमें चांद की सतह पर करीब 50 डिग्री, भीतर माइनस 10 डिग्री तापमान रिकाॅर्ड किया गया है।

बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, ‘चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट’ (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का ‘तापमान प्रालेख’ मापा। इसरो ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, यहां विक्रम लैंडर पर चेस्ट पेलोड के पहले अवलोकन हैं। चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, चेस्ट ने ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रलेख को मापा। पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। इसरो ने कहा, इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं। प्रस्तुत ग्राफ विभिन्न गहराइयों पर चंद्र सतह/करीबी-सतह की तापमान भिन्नता को दर्शाता है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए ये पहले ऐसे प्रालेख हैं। विस्तृत अवलोकन जारी है। पेलोड को भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद के सहयोग से इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा विकसित किया गया था। अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3′ बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।

10 तापमान सेंसर

चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, चेस्ट ने ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रलेख को मापा। पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। इसरो ने कहा, इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं। ग्राफ में पाया गया है कि चंद्रमा की सतह का तापमान भिन्न समय में भिन्न-भिन्न दर्ज किया गया है। अब इसका विस्तृत अवलोकन कई दिनों तक करने के बाद इसरो ताप को लेकर कोई सटीक विश्लेषण पेश कर सकता है।

दक्षिणी ध्रुव का पहली बार खुल रहा रहस्य

चंद्रयान-3 से पहली बार चांद की दक्षिणी ध्रुव का रहस्य खुल रहा है। इसरो द्वारा प्रस्तुत ग्राफ विभिन्न गहराइयों पर चंद्र सतह और करीबी-सतह की तापमान भिन्नता को दर्शाता है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए ये पहले ऐसे प्रालेख हैं। विस्तृत अवलोकन जारी है। पेलोड को भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद के सहयोग से इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा विकसित किया गया था।

उपरी सतह पर गर्मी, भीतर सर्दी

चास्टे को बाएं तरफ जीरो पर रखा गया है। यानी चांद की दक्षिणी ध्रुव का तापमान 50 से 60 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जो ग्राफ में नीचे बाएं से दाएं घटते से बढ़ते क्रम में है। नारंगी रंग की लाइन पर नीले बिंदु चांद की सतह का तापमान बताते हैं। चास्टे जहां जीरो प्वाइंट पर है, यानी वह चांद की सतह पर तापमान नाप रहा है। वो 50 से 60 डिग्री सेल्सियस के बीच है।

चंद्रयान-3 के साथ 7 पेलोड

चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुल 7 पेलोड लगे हैं। एक पेलोड, जिसका नाम शेप है, वह चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा है। ये चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रेडिएशन की जांच कर रहा है। वहीं लैंडर पर तीन पेलोड लगे हैं। रंभा, चास्टे और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं। एक इंस्ट्रूमेंट अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का भी है, जिसका नाम है लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर अरे। ये चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा हुआ है। ये चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी मापने के काम आता है।

पीएम बोले- चांद पर भी उगते हैं संकल्प के सूरज

इधर, ‘आकाशवाणी’ पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 104वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के इस अभियान ने साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान ‘नये भारत’ की उस भावना का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है। पीएम मोदी ने भारत के चंद्रयान अभियान को नारी-शक्ति का भी जीवंत उदाहरण बताया

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