यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

  • यूपी के अभिनीत ने फतेह की माउंट एल्ब्रुस

(फोटो : अभिनीत) J

हरदोई। हरदोई के पर्वतारोही अभिनीत मौर्य ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराकर इतिहास लिखा है। यह कारनामा उन्होंने 22 अगस्त को किया। अभिनीत की इस उपलब्धि पर उनके गांव सहित पूरे जिले में खुशी का माहौल है। रूस की माउंट एल्ब्रुस चोटी की ऊंचाई 18510 फीट है और यह यूरोप की सबसे ऊंची चोटी है। अभिनीत मौर्य को इसकी चढ़ाई में दस दिन लग गए और फिर उन्होंने देश की आन-बान-शान तिरंगा को 22 अगस्त सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर फहराया। हरदोई के विकास खण्ड कोथावां की ग्राम पंचायत आंट-सांट निवासी पर्वतारोही अभिनीत ने एनबीटी ऑनलाइन से हुई बातचीत में बताया कि उन्होंने मास्को से करीब 1400 किलोमीटर आगे तरसकोल में बेस कैम्प बनाया था। जहां से वे चढ़ाई के लिए 14 अगस्त की सुबह अपने गाइड सलाउद्दीन के साथ निकले थे। उनके अलावा जापान,ईरान,थाईलैंड सहित अन्य देशों के आठ पर्वतारोही भी थी जो साथ निकले थे। चढ़ाई के दौरान रास्ते मे कई बार विषम परिस्थितियां बनी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार आगे बढ़ते रहे।

21 अगस्त को बर्फीले तूफान से हुआ सामना

अभिनीत ने बताया कि 21 अगस्त को रात दस बजे जैसे ही फाइनल चढ़ाई के लिए वह अपने टेंट से चढ़ाई के लिए निकले अचानक बर्फीले तूफान से घिर गए। करीब 20 मिनट तक वे जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे। जब तूफान शांत हुआ तो तापमान माइंस 25 डिग्री तक पहुंच गया था और 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवा ने भी कई बार रास्ता रोका लेकिन वे देश का नाम रोशन करने का जज्बा लिए आगे बढ़ते रहे।

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बदलती हैं बार-बार डीपी तो हो जाएं सावधान

-गोवा पुलिस ने किया महिलाओं को आगाह

नई दिल्ली। सोशल साइट्स पर बार-बार डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) या प्रोफाइल पिक्चर बदलने से आप साइबर अपराध का शिकार हो सकते हैं। बार-बार डीपी बदलने वालों को साइबर अपराधी टारगेट कर सकते हैं। गोवा पुलिस ने महिलाओं को साइबर अपराधियों से सावधान रहने के लिए बार-बार डीपी न बदलने की सलाह दी है। पुलिस अधीक्षक सुनीता सावंत ने कहा कि साइबर क्राइम से जुड़े शातिर लोग ऐसा करने वालों की तलाश में रहते हैं।

महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में मामले दोगुने से अधिक हो गए हैं। जिसका मुख्य कारण महिलाओं की तरफ से सोशल मीडिया पर खुद को असुरक्षित बनाना और ब्लैकमेलर्स और अन्य अपराधियों का शिकार बनना है।पुलिस अधीक्षक सुनीता सावंत ने कहा, “जब हम इंटरनेट। फेसबुक। इंस्टाग्राम पर होते हैं तो हमें यथासंभव कम तस्वीरें अपलोड करनी चाहिए और खुद को उजागर नहीं करना चाहिए। हमें अपनी डीपी बार-बार नहीं बदलनी चाहिए। जालसाज सबसे पहले इस प्रकार के अकाउंट्स को निशाना बनाते हैं।” सुनीता सावंत ने कहा, “इससे आपको बदनामी और उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ सकता है। एक रील अपलोड करके आप खुद को एक हजार या दो हजार लोगों के सामने उजागर कर रहे हैं और इस प्रकार के शिकार हो सकते हैं… व्यक्तिगत तस्वीरें। पारिवारिक तस्वीरें यथासंभव कम अपलोड की जानी चाहिए।”

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