रेलवे का निर्माणाधीन पुल ढहा, 18 मजदूरों की मौत, पांच लापता

—मिजोरम में सैरांग इलाके में बड़ा हादसा, कई मजदूरों के दबे होने की आशंका

–कुरुंग नदी पर बैराबी को सैरांग से जोड़ने वाला पुल

इंट्रो

मिजोरम के सैरांग इलाके के पास एक निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरने से बुधवार को कम से कम 18 मजदूरों की मौत हो गई। रेलवे और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब तक 18 शव बरामद किए जा चुके हैं। हादसे में करीब 30 मजदूरों के घायल होने की खबर है। दुर्घटनास्थल पर कई अन्य श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है। कुरुंग नदी पर बैराबी को सैरांग से जोड़ने वाला रेलवे पुल निर्माणाधीन था। दुर्घटनास्थल आइजोल से करीब 21 किमी दूर है।

आइजोल/कोलकाता। मिजोरम के आइजोल जिले में सैरांग इलाके में 100 मीटर ऊंचे निर्माणाधीन रेलवे पुल के ढह जाने के कारण कम से कम 18 श्रमिकों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य लोग लापता हो गये। हताहतों में अधिकतर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि राजधानी आइजोल से लगभग 21 किलोमीटर दूर सैरांग इलाके में सुबह करीब 10 बजे घटी इस घटना में तीन अन्य लोग घायल भी हुए हैं। आइजोल में एक अधिकारी ने बताया कि 12 शवों की शिनाख्त हो गयी है जो पश्चिम बंगाल के रहने वाले मजदूरों के हैं। पूर्वोत्तर राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मृतक संभवत: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के पुकुरिया, इंग्लिश बाजार और मानिकचक के रहने वाले थे। पश्चिम बंगाल के श्रमिकों की मौत पर शोक जताते हुये राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि उनके (मृत श्रमिकों के) शवों को लाने की व्यवस्था की गई है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) लालबियाकथांगा खियांगते ने बताया, मलबे से 18 शव निकाले जा चुके हैं। पांच मजदूरों के लापता होने की खबर है। अधिकारी ने बताया कि मौके पर बचाव एवं राहत कार्य जारी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को बचाव अभियान में सहायता के लिए मिजोरम सरकार के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है। रेलवे ने कहा कि यह दुर्घटना एक ‘गैन्ट्री’ (एक प्रकार की क्रेन) के गिरने के कारण हुई।

भैरवी-सैरांग नयी रेलवे लाइन परियोजना के तहत 130 पुलों में से एक इस निर्माणाधीन पुल से जुड़ी इस घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने घटना में लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और बचाव अभियान में मदद करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बचाव कार्यों में मदद के लिए बड़ी संख्या में सामने आए लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुल ढहने पर शोक जताया और कहा कि पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा जल्दी ही की जाएगी।

पीएम ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और दो-दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि की घोषणा की। उन्होंने कहा, मिजोरम में पुल हादसे से दुख हुआ। उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। प्रार्थना करता हूं कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों। बचाव अभियान जारी है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।

रेलवे देगा 10-10 लाख रुपए

इस बीच, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने मामूली रूप से घायल हुए लोगों के लिए 50,000 रुपए के मुआवजे की भी घोषणा की । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस घटना पर शोक जताया। सोरेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मिजोरम में सैरांग के पास एक निर्माणाधीन रेलवे पुल के गिरने से श्रमिकों की मौत की दुखद खबर मिली।

तीसरे- चौथे पिलर के बीच का गर्डर गिरा

पुल में कुल 4 पिलर हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि तीसरे और चौथे पिलर के बीच का गर्डर टूटकर गिरा हुआ है। सभी मजदूर इसी गर्डर पर काम कर रहे थे। जमीन से पुल की ऊंचाई 104 मीटर यानी 341 फीट है। यानी पुल की ऊंचाई कुतुब मिनार से भी ज्यादा है।

पश्चिम बंगाल के भी मजदूरों की भी गई जान

उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घटना पर दुख जताया है। ममता ने कहा- प्रोजेक्ट में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के भी कुछ मजदूर काम कर रहे थे। बंगाल के मुख्य सचिव को मिजोरम सरकार से संपर्क कर जानकारी लेने को कहा है। मालदा प्रशासन को पीड़ित परिवार के लोगों को हर संभव मदद का निर्देश दिया है।

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