लीबिया में बंधक बनाए गए 17 भारतीय मुक्त, लाए गए वतन वापस

नई दिल्ली। लीबिया में एक सशस्त्र समूह द्वारा बंधक बनाए गए 17 भारतीयों के एक समूह को मुक्त करा लिया गया है। ट्यूनिस में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय के प्रयासों के कारण कई महीनों की कैद के बाद लोगों को मुक्त कराया जा सका है। इन सभी लोगों की वतन वापसी हो गई है। इनमें से अधिकांश हरियाणा और पंजाब के रहने वाले हैं। 6 महीने पहले भारतीय युवकों का ग्रुप काम की तलाश में लीबिया गया था लेकिन गैर कानूनी तरीके से एजेंट ने इन युवकों को वहां फंसा दिया था। अब राहत की बात ये है कि इन लोगों की वतन वापसी हो गई है। इस साल 26 मई को ट्यूनिस में भारतीय दूतावास के ध्यान में ये मामला लाया गया था। यह दूतावास लीबिया में भी कामकाज संभालता है। दूतावास को यह तुरंत पता नहीं चल सका था कि भारत से तस्करी के बाद समूह को लीबिया के ज़वारा शहर में सशस्त्र समूह ने कब और कैसे बंदी बना लिया था। हालांकि, ट्यूनिस में भारतीय राजनयिकों और विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद, 17 लोगों के समूह को लीबिया से निकाल लिया गया। 20 अगस्त की शाम को यह समूह नई दिल्ली पहुंचा। यह मामला भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों द्वारा ट्यूनिस में भारतीय दूतावास के संज्ञान में लाया गया था। दूतावास परिवारों के साथ निकट संपर्क में था। दूतावास ने मई और जून में नियमित रूप से लीबियाई अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया। लोगों ने कहा कि यह मामला “अनौपचारिक चैनलों” के माध्यम से भी उठाया गया था।

स्वदेश लाए गए लोगों में से एक ने कहा, “13 जून को, लीबियाई अधिकारी भारतीय नागरिकों को बचाने में सक्षम थे, लेकिन उन्हें अपनी हिरासत में रखा, क्योंकि यह अवैध रूप से देश में प्रवेश का मामला था।” इसके बाद ट्यूनिस में भारतीय राजदूत एनजे गंगटे और नई दिल्ली से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद लीबियाई अधिकारी भारतीय लोगों को रिहा करने पर सहमत हो गए। लीबिया में रहने के दौरान भारतीय दूतावास ने भारतीयों की भोजन, दवाइयों और कपड़ों सहित अन्य जरूरतें पूरी कीं। चूंकि उनके पास पासपोर्ट नहीं थे, इसलिए उनकी भारत यात्रा के लिए आपातकालीन प्रमाणपत्र भी जारी किए गए। देश वापस आए लोगों ने कहा कि 17 भारतीय पुरुषों के लिए टिकट का इंतजाम भी भारतीय दूतावास द्वारा कराए गए और उसका भुगतान भी दूतावास ने किया। बता दें कि मई में, एक व्यापारिक जहाज के चालक दल के नौ भारतीय सदस्यों को लीबिया में तीन महीने से अधिक समय तक बंधक बनाए रखने के बाद मुक्त कर दिया गया था। उस चालक दल के नाविक, जो एम.टी. माया-1 के दल का हिस्सा थे, ने 15 फरवरी को ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास को सूचित किया था कि लीबिया के तट के पास जहाज खराब होने के बाद उन्हें मिलिशिया ने पकड़ लिया है। इन भारतीय नाविकों को 31 मई को रिहा कर दिया गया था।

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