नए संसद भवन की सुरक्षा हाईटेक, एआई टेक्निक से एंट्री

—फेस स्कैनिंग होगी, अनजान शख्स नहीं मिलेगा प्रवेश

नई दिल्ली। संसद भवन देश के सबसे सेंसेटिव जोन में आता है। इसकी सुरक्षा के लिए सैकड़ो जवान हर समय तैनात रहते हैं। पलक झपकते ही कार्रवाई के लिए तैयार हो जाते हैं। 2002 संसद भवन पर हुए हमले के बाद केंद्रीय एजेंसियां और सुरक्षाबल इसके सुरक्षा के लिए नए-नए तरीके अपनाती रहती हैं। नए संसद भवन की सुरक्षा के लिए इसे और हाईटेक बनाया जा रहा है। इसकी सुरक्षा के लिए अब अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लगाया जाएगा। नए संसद भवन की सुरक्षा के लिए अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तैनात किया जाएगा। ये एआई किसी भी अनजान शख्स को प्रवेश करने नहीं देगा। इसमें फेस स्कैनिंग होगी, जिसके जरिए लोगों की पहचान होगी और अनजान व्यक्ति कदम नहीं रख पाएगा। इस एआई सिस्टम में फेस स्केनिंग, बायोमैट्रिक जानकारी, पासपोर्ट संबंधित जानकारी सब मौजूद होगा। अगर स्कैन सिस्टम सही से काम नहीं करता है तो संसद के सदस्य फिंगरप्रिंट स्कैनर और यूनिक पिन के जरिए नए संसद भवन में प्रवेश कर पाएंगे।

एटीएम जैसा स्मार्ट कार्ड

सुरक्षा के लिए एक एक्सेस कार्ड बनाया जाएगा, जो डेबिट या क्रेडिट कार्ड की तरह होगा। इसके लिए स्मार्ट कार्ड ऑपरेटिंग सिस्टम फॉर ट्रांसपोर्ट एप्लीकेशन (स्कोस्टा) लगा होगा, जिसका उपयोग किया जाएगा। इस सिस्टम से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। इस स्मार्ड के जरिए विशेष लोगों को विशेष जगह जाने की अनुमति होगी। इस डेटा को इनक्रिप्ट फॉर्म में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग तैयार कर रहा है। ये डिपार्टमेंट इलेक्ट्रोनिक मंत्रालय के तहत आता है।

मोबाइल एप

यह सिस्टम नेविगेशन सिस्टम या मोबाइल ऐप के जरिए जुड़ा होगा। ये एप लोगों को रास्ता ढूंढने में मदद करेगा। हालांकि मीडिया के लिए नए संसद भवन की लॉबी और कोरिडोर के लिए एक्सेस कार्ड की जरुरूत होगी। हालांकि जिसके पास पीआईबी कार्ड होगा उन्हें इसका फायदा मिलेगा। नए सिस्टम के मुताबिक, मीडिया कार्ड से नॉर्थ यूटिलिटी बिल्डिंग का एक्सेस मिलेगा. इसके अलावा कैंटीन और रूम की सुविधा मिलेगी।

इधर, आज से आखिरी सप्ताह होगा हंगामेदार

लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर अगले हफ्ते होने वाली चर्चा के मद्देनजर संसद के मानसून सत्र का आखिरी सप्ताह संभवत: हंगामेदार रहेगा। सोमवार को सभी की निगाहें लोकसभा सचिवालय पर टिकी रहेंगी, जब वह (सचिवालय) संभवत: ‘मोदी उपनाम’ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय के स्थगनादेश की समीक्षा करेगा। उनकी संसद सदस्यता रद्द करने के संबंध में फैसला करेगा। यदि लोकसभा के सदस्य के तौर पर गांधी को अयोग्य ठहराने का फैसला रद्द किया जाता है, तो कांग्रेस की प्राथमिकता होगी कि मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गांधी विपक्ष की ओर से अहम वक्ता की भूमिका निभाएं। उधर, राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक लाया जाएगा। लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित किया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: बृहस्पतिवार को अपना जवाब देंगे।

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