चलती कोर्ट से जज ने दे दिया इस्तीफा, लोगों से मांगी माफी

न्यायिक प्रणाली के इतिहास में पहला मामला

साईबाबा रिहाई मामले में आए थे सुर्खियों में

मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जज जस्टिस रोहित बी देव ने शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा, मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मैं अपने स्वाभिमान के विरुद्ध काम नहीं कर सकता। इससे पहले उन्होंने दिन के लिए सूचीबद्ध मामलों को भी निपटाया। किसी हाई कोर्ट के मौजूदा जज द्वारा इस तरह इस्तीफे का ऐलान करने का यह पहला मामला बताया जा रहा है।

जस्टिस देव ने हालांकि इस्तीफे के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि इनका संबंध उनके कुछ चर्चित और विवादित फैसलों से हो सकता है। जस्टिस देव को 5 जून, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था। उन्हें 12 अप्रैल, 2019 को बॉम्बे हाई कोर्ट का स्थायी जज बनाकर नागपुर बेंच की जिम्मेदारी दी गई थी। जज बनने से पहले जस्टिस देव बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सहायक सॉलिसिटर जनरल का पदभार संभाल रहे थे। महाराष्ट्र सरकार के महाधिवक्ता रह चुके जस्टिस देव को 4 दिसंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होना था।

जस्टिस देव के विवादित फैसले

जस्टिस देव पिछले साल अक्टूबर में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंनें दिल्ली विश्वविद्यालय के बर्खास्त प्रोफेसर जीएन साईबाबा को बरी कर दिया था। साईबाबा को माओवादियों से संबंधों को लेकर 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पिछले महीने जस्टिस देव की अगुवाई वाली पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के एक प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी थी, जिसमें अवैध खनन के आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ राजस्व विभाग द्वारा शुरू की गई दंडात्मक कार्यवाही को रद्द करने का प्रावधान था।

कोर्ट में मौजूद लोगों से माफी मांगी

कोर्ट के कक्ष में मौजूद रहे वकीलों के मुताबिक, जस्टिस देव ने सबसे पहले कोर्ट में मौजूद लोगों से माफी मांगी। इसके बाद जज ने कहा कि उनके मन में किसी के प्रति कोई कठोर भावना नहीं है और अगर उन्होंने किसी को भी ठेस पहुंचाई है तो उन्हें इस बात का खेद है। उन्होंने वकीलों से भी उनके साथ सख्ती बरतने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह चाहते हैं कि सभी वकील कड़ी मेहनत करते रहें।

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