नहीं रुकेगी रैली, राज्यों को ‘सुप्रीम’ हिदायत, किसी समुदाय के खिलाफ न हो हेट स्पीच


नूंह हिंसा के विरोध में विहिप और बजरंग दल का दिल्ली में प्रदर्शन

हिंसा मामले में अब तक 26 एफआईआर दर्ज, 116 आरोपी गिरफ्तार


इंट्रो

हरियाणा में हिंसा के बाद दिल्ली में हो रहे विहिप और बजरंग दल की रैली और प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि रैली, प्रदर्शन के दौरान किसी भी समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण ना दिया जाए। संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और वीडियोग्राफी कराई जाए।कोर्ट ने कहा है कि यह आदेश सभी राज्यों पर लागू होगा।

नई दिल्ली। नूंह की हिंसा के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली-एनसीआर के 23 इलाकों में रैलियां निकाली। कई इलाकों में प्रदर्शन रात तक जारी रहा। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण ना दिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि धारा-144 समेत अन्य उपाय अपनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार को नोटिस भी भेजा है। अदालत ने कहा है कि संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और वीडियोग्राफी कराई जाए। इस मामले पर सुनवाई के दौरान देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली में प्रदर्शन और रैली पर रोक नहीं लगाई। अदालत ने कहा कि रैली, प्रदर्शन के दौरान किसी भी समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण ना दिया जाए। अदालत ने कहा है कि यह आदेश सभी राज्यों पर लागू होगा।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सी. यू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली में 23 स्थानों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसपर अदालत ने कहा है कि हेट स्पीच नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भाटी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है। अदालत ने याचिका पर सुनवाई के दौरान रैली, प्रदर्शन पर तो रोक नहीं लगाई लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।

देश की सबसे बड़ी अदालत में जो याचिका लगाई गई थी उसमें यह भी कहा गया था कि वीएचपी और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाई जाए क्योंकि इससे तनाव और भी ज्यादा बढ़ सकता है और माहौल बिगड़ सकता है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश दिेये हैं। अदालत ने कहा है कि कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करना पुलिस का काम है। अदालत ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जानमाल का नुकसान ना हो।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी भट्टी की पीठ ने केरल के मल्टी मीडिया पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से वरष्ठि अधिवक्ता चंदर उदय सिंह द्वारा किए गए तत्काल उल्लेख पर विशेष सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। अदालत की बेंच ने इस याचिका पर कहा कि कोई हेट स्पीच और कोई हिंसा खासकर महिलाओं के खिलाफ कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। वरिष्ठ वकील सी यू सिंह ने अदालत का ध्यान इस बात पर दिलाया कि शाम को कुछ बैठकें भी होनी हैं। अदालत को बताया गया कि नूंह और गुरुग्राम में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। रैलियों की वजह से जान माल का नुकसान हो सकता है। जिसपर अदालत ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जानमाल का नुकसान नहीं हो।

दिल्ली में बढ़ाई गई सुरक्षा

हरियाणा के कुछ जिलों में हुई हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए, जिससे दिल्ली के कई हिस्सों में यातायात प्रभावित हुआ और जाम लग गया। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में बजरंग दल के समर्थक निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन के समीप हनुमान चालीसा पढ़ते देखे जा सकते हैं।

अब तक 116 गिरफ्तार

हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड समेत छह लोग मारे गए और इन मामलों में 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नूंह में झड़प के बाद अन्य स्थानों पर हुई हिंसा की घटनाओं पर काबू पा लिया गया है और स्थिति अब सामान्य है। घायलों को नूंह के नलहड़ और गुरुग्राम के मेदांता सहित विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

हिंसा की जांच के लिए एसआईटी

हरियाणा पुलिस प्रमुख पी के अग्रवाल ने कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। इसमें बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर की भूमिका की जांच की जा रही है। विश्व हिंदू परिसर के एक जुलूस को रोकने की कोशिश को लेकर नूंह में भड़की हिंसा पिछले दो दिन में गुरुग्राम तक फैल गयी है जिसमें दो होमगार्ड कर्मी और एक मौलवी समेत छह लोग मारे गए हैं।

सीएम खट्टर बोले-पुलिस सबकी सुरक्षा नहीं कर सकती

इधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पुलिस सबकी सुरक्षा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने नुकसान किया है, उन्हीं से भरपाई कराई जाएगी। हर व्यक्ति की सुरक्षा न पुलिस, न आर्मी और न समाज कर सकता है। सुरक्षा के लिए वातावरण बनाना पड़ता है। इसके लिए पीस कमेटी, एडमिनिस्ट्रेशन के लोग लगे हैं। पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया है। दंगाइयों में भय बनाना पड़ता है।

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