राजधानी दिल्ली सहित देश के कई अन्य हिस्सों में कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में काफी संख्या में इसके मरीज इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर में हर दिन एक हजार हजार केस आ रहे हैं। उत्तरप्रदेश के अस्पतालों में आई फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। लखनऊ सहित कानपुर, आगरा, मथुरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, प्रयागराज और वाराणसी सहित अन्य जनपदों में इसके मरीजों की संख्या में अचानक तेजी से इजाफा हुआ है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी कंजक्टिवाइटिस ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। नेत्र चिकित्सकों को कहना है कि बारिश के मौसम में आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती है। इस बार उमस के चलते मरीजों में अचानक तेजी से इजाफा हो रहा है। यह चिंता विषय है। डॉक्टरों की मानें तो कोरोना जैसी सावधानी बरतने की जरूरत है। बार-बार हाथ धाएं। मरीज के पास रहते हुए सतर्क रहें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इन दिनों संक्रमण से बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। आई फ्लू की समस्या संक्रामक हो सकती है, इसके एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोगों का निकट संपर्क बढ़ जाता है, ऐसे में बस-मेट्रो में सफर के दौरान आई फ्लू का खतरा बढ़ सकता है।
–
वायरस-बैक्टीरिया की वजह से तेजी
दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र केंद्र के निदेशक डॉ जीवन सिंह तितियाल ने बताया कि मानसून के मौसम में हर वर्ष यह बीमारी फैलती है, लेकिन इस बार इसकी रफ्तार पहले से काफी ज्यादा है, जो अगले सप्ताह से कम होनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वक़्त एम्स में हर दिन 70 से 100 मरीज आई फ्लू के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि, आई फ्लू की जांच के दौरान कुछ में एडिनोवायरल वायरस तो वहीं कुछ मरीजों में स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया की पहचान की गई।
000

