टाइम्स मैगजीन ने 1920 से 2010 तक में बनी फिल्मों में सिलेक्ट कीं सौ फिल्में
नई दिल्ली। टाइम्स मैगजीन ने पिछले 100 सालों की 100 बेस्ट फिल्मों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में टाइम्स ने उन फिल्मों को शामिल किया जो साल 1920 से लेकर साल 2010 के बीच सिनेमाघरों में रिलीज हुई थीं। हैरानी वाली बात ये है कि इस 100 बेस्ट फिल्मों की लिस्ट में इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की मात्र एक फिल्म शामिल है। ये फिल्म सन 1955 में आई थी। प्रसिद्ध बंगाली उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में न ही पैसा फूंका गया था और न ही मंझे हुए कलाकार लिए गए थे। फिर भी इसे भारतीय सिनेमा की सबसे बेस्ट फिल्म कहा जाता है।
सत्यजीत रे की फिल्म पाथेर पांचाली
इस फिल्म का नाम है ‘पाथेर पांचाली’ है। इसका निर्देशन सत्यजीत रे ने किया था। कहा जाता है कि सत्यजीत रे को इस फिल्म के लिए निर्माता नहीं मिल रहे थे। ऐसे में उन्होंने अपनी बीमा पॉलिसी और दोस्तों-रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर फिल्म शुरू की। वह सिर्फ रविवार के दिन ही फिल्म पर काम करते थे, क्योंकि बाकी दिन उन्हें काम पर जाना पड़ता था। कुछ समय बात सत्यजीत रे की मुलाकात प्रोड्यूर राणा दत्ता से हुई। राणा दत्ता ने सत्यजीत रे को थोड़े पैसे दिए जिसके बाद सत्यजीत रे ने एक महीने की छुट्टी ली और फिल्म शुरू कर दी।
फिल्म के लिए गिरवी रखे पत्नी के गहने
फिल्म निर्माण में जब सत्यजीत रे के पास पैसे की कमी महसूस हुई तब उन्होंने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख दिए। फिर उन्होंने किसी की सलाह पर पश्चिम बंगाल सरकार से संपर्क किया और धन की व्यवस्था की। 26 अगस्त 1955 में जब ‘पथेर पंचाली’ कोलकाता में रिलीज हुई तब उसे मामूली रिस्पॉन्स मिला, लेकिन, तीसरे हफ्ते तक सिनेमाघर दर्शकों से खचाखच भरने लगे और फिल्म हिट हो गई।
प्रसन्न हो गए थे जवाहरलाल नेहरू
जब सत्यजीत रे की इस फिल्म को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देखा तो वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में फिल्म को कान फिल्म फेस्टिवल में भेज दिया। इस फिल्म ने फेस्टिवल में बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट का विशेष पुरस्कार जीता। इसके अलावा भी फिल्मा को दश-विदेश में ढेरों पुरस्कार मिले।
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