मणिपुर हिंसा के खिलाफ मिजोरम में कुकी समुदाय की महारैली, मुख्यमंत्री भी शामिल

  • पांच प्रमुख नागरिक संस्थाओं के समूहों ने किया प्रदर्शन

आइजोल। जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में ‘जो’ समुदाय के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए मिजोरम में हजारों लोगों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। ‘सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन’ (सीवाईएमए) और ‘मिजो जिरलाई पावल’ (एमजेडपी) सहित पांच प्रमुख नागरिक संस्थाओं के समूह ‘एनजीओ को-ऑर्डिनेशन कमेटी’ ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां आयोजित कीं। मुख्यमंत्री जोरमथंगा, उपमुख्यमंत्री तावंलुइया, मंत्रियों एवं राज्य के विभिन्न दलों के विधायकों ने आइजोल में बड़े पैमाने पर हुई प्रदर्शन रैली में भाग लिया। इस रैली में हजारों आम लोग भी शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने पड़ोसी राज्य में हिंसा की निंदा करने वाले पोस्टर थाम रखे थे। आइजोल में रैली में एकत्र हुई भीड़ इतनी अधिक थी कि शहर मानो थम गया हो। रैली में भाग लेने वालों ने दावा किया कि राज्य में हालिया वर्षों में इतना बड़ा प्रदर्शन नहीं देखा गया है। इस रैली के समर्थन में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल पार्टी’ (एमएनएफ) के कार्यालय बंद रहे। विपक्षी दलों भाजपा, कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने भी रैलियों के समर्थन में अपने पार्टी कार्यालय बंद रखे। ‘एनजीओ को-ऑर्डिनेशन कमेटी’ के अध्यक्ष आर ललंघेटा ने केंद्र से मणिपुर में हिंसा रोकने का आग्रह किया।

ऐसे भड़की हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।

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पीड़िता से मैं मिल सकती हूं, तो सीएम क्यों नहीं : मालीवाल

इंफाल। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की और पूछा कि जब वह इतनी दूर आकर यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं से मुलाकात कर सकती हैं तो मुख्यमंत्री उन पीड़िताओं से क्यों नहीं मिल सके। मालीवाल ने दावा किया कि जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था, उन्होंने बताया कि सरकार के किसी नुमाइंदे ने उनसे मुलाकात नहीं की है।

मणिपुर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर प्रतिबंध हटा, मोबाइल इंटरनेट अब भी निलंबित

इंफाल। मणिपुर सरकार ने मंगलवार को ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध को सशर्त आंशिक रूप से हटाने की घोषणा की। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। राज्य के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। मणिपुर में पिछले करीब तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के कारण इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। राज्य के गृह विभाग के मुताबिक इंटरनेट कनेक्शन केवल स्टेटिक आईपी के माध्यम से उपलब्ध होगा और संबंधित ग्राहक अस्थायी तौर पर दी गयी अनुमति वाले कनेक्शन के अलावा कोई अन्य कनेक्शन स्वीकार नहीं करेगा। –

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