- किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकीं पुलिस और एजेंसियां
नई दिल्ली। सीमा हैदर पाकिस्तान से सचिन के प्यार में भारत आई है या उसका मकसद जासूसी जैसी कोई करतूत करना है? इस बारे में अब तक पुलिस या एजेंसियां किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं। यहां तक कि सीमा हैदर के पाकिस्तानी होने या न होने को लेकर भी कोई पुष्टि नहीं है। इस बीच नोएडा पुलिस ने सीमा हैदर से मिले सभी दस्तावेजों को दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग भेजा गया है ताकि इसकी पुष्टि हो जाए कि वह वहां की रहने वाली है या नहीं। सीमा हैदर का दावा है कि पाकिस्तान से दुबई और नेपाल होते हुए भारत आई थी। उसका कहना है कि पाकिस्तान से सीधे भारत आने का वीजा नहीं मिला था, इसलिए उसने यह रास्ता अपना लिया था।
वह ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में रह रही थी। इसी दौरान उसे 4 जुलाई को सचिन मीना के साथ पुलिस ने पकड़ लिया था। तब से ही सीमा हैदर सुरक्षा एजेंसयों के राडार पर है। इस बीच नोएडा पुलिस ने दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने सीमा हैदर को फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद की। फिलहाल पूरी जांच पाकिस्तानी दूतावास के वेरिफिकेशन पर टिकी है, जिससे पता चलेगा कि सीमा हैदर पाकिस्तान की है या नहीं। यही नहीं पुलिस ने सीमा हैदर के फोन को भी फॉरेंसिंक जांच के लिए भेजा है। पुलिस से पूछताछ में सीमा हैदर ने कहा कि मैंने अपने फोन से कोई डेटा डिलीट नहीं किया है।
अब तक पाकिस्तानी होने का वेरिफिकेशन नहीं
अब सीमा हैदर के फोन की फॉरेंसिक जांच और उसके पाकिस्तानी होने के वेरिफिकेशन के बाद ही जांच आगे बढ़ सकेगी। यूपी एटीएस ने सीमा हैदर और सचिन मीना की मदद के लिए जिन दो लोगों को हिरासत में लिया है, वे बुलंदशहर के रहने वाले हैं। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी आधार कार्ड बनाने में मदद की थी। इन लोगों को अहमदगढ़ के पब्लिक सर्विस सेंटर से हिरासत में लिया गया है, जहां ये दोनों काम करते थे। कहा जा रहा है कि ये दोनों ही सचिन मीना के रिश्तेदार भी हैं। सीमा हैदर और सचिन मीना 2019 में एक-दूसरे से ऑनलाइन संपर्क में आए थे। फिर रिश्ता आगे बढ़ा तो इसी साल मार्च में नेपाल में जाकर मिले और फिर मई में सीमा हैदर बच्चो को लेकर नोएडा ही आ गई।
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