–संसद के भीतर हंगामा, बाहर प्रदर्शन, आप के सांसद राज्यसभा से निलंबित
–शाह ने कहा-मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष चर्चा होने दे और सच्चाई सामने आने दे
–कांग्रेस बोली-गृह मंत्री ने संसद में झूठी बात की, पीएम को बयान देने में क्या झिझक
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इंट्रो
मणिपुर की घटना पर देश से लेकर संसद तक बवाल मचा हुआ है। संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें। इधर, विपक्षी दलों ने संसद परिसर पर प्रदर्शन किया और कहा कि गृहमंत्री ने संसद में झूठी बात की, पीएम को बयान देने में क्या झिझक है? इधर, मणिपुर मुद्दे पर बस्तर में भी सर्वआदिवासी समाज ने बंद रखा।
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नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में मणिपुर में हिंसा तथा आम आदमी पार्टी सदस्य संजय सिंह को संसद के मानसूत्र सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। प्रश्नकाल के दौरान ही आसन के समीप आए आप सदस्य संजय सिंह को हंगामा और आसन के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि तक के लिए निलंबित कर दिया गया। सभापति धनखड़ ने सिंह को निलंबित करने की घोषणा की। इससे पहले आसन के समीप आए सिंह के नाम का सभापति ने उल्लेख किया। आसन द्वारा किसी सदस्य के नाम का उल्लेख किए जाने पर उस सदस्य को तत्काल सदन से बाहर जाना होता है और वह पूरे दिन सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकता। इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने सिंह को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि आप सदस्य का आचरण सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। हंगामे के बीच ही गोयल के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा औरा नारेबाजी जारी रखी, जिसके कारण उपसभापति ने बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इधर, संजय सिंह के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- ये पहली बार नहीं है कि कोई विरोध जता रहा है। सभी लोग संसद में विरोध करते हैं। लोकतंत्र में बोलने की आजादी है, बोलने के लिए जो संसद आता है उसे मौका मिलना चाहिए। आज सरकार की मंशा है कि किसी ना किसी तरीके से आवाज को बंद किया जाए। पिछली बार भी उन्होंने ऐसा ही किया था। इधर, आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा- संजय सिंह को सस्पेंड करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। राज्यसभा के स्थगित होने के बाद हम सभापति से मिलने गए और उनसे सस्पेंशन वापस लेने की अपील की।
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गृहमंत्री ने विपक्ष पर लगाया आरोप
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें। उन्होंने कहा, ‘सदस्यों से आग्रह है कि बहुत संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं। शाह ने कहा, मुझे नहीं मालूम कि विपक्ष संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहा है। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ मेरा विपक्ष के नेताओं से आग्रह है कि चर्चा होने दें और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पूरे देश के सामने सच्चाई आने दें।
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भाजपा बोली- चर्चा से भाग रहा विपक्ष
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां भाजपा मुख्यालय में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी सदस्यों से मणिपुर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा या बहस शुरू करने की अपील की। ईरानी ने कहा कि शाह ने संसद में बार-बार कहा कि गृह मामलों के प्रभारी मंत्री के रूप में वह ‘कुछ तथ्यों’ को प्रकाश में लाना चाहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया, चौंकाने वाली बात यह है कि विपक्षी दल तथ्यों को सामने नहीं आने देने की जिद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर का मुद्दा आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। ईरानी ने कहा, जब गृह मंत्री उनसे आकर चर्चा करने को कह रहे हैं तो मणिपुर हिंसा के ऐसे कौन से तथ्य हैं जिन्हें कांग्रेस छिपाना चाहती है।
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कांग्रेस बोली- प्रधानमंत्री सदन में आएं और बयान दें
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और बयान दें। इस बयान पर हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। वह संसद के बाहर बात कर रहे हैं, लेकिन सदन में बयान नहीं दे रहे हैं। यह संसद का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद का सत्र चल रहा है, मामला गंभीर है और ऐसे में प्रधानमंत्री को सदन में बयान देना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मानसून सत्र के तीसरे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं हो सकी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ‘इंडिया’ के दलों की मणिपुर में तीन मई के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री के विस्तृत बयान की मांग नहीं मान रही है।
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इधर, केंद्रीय मंत्री के आवास पर फिर हमला
इंफाल। केंद्रीय मंत्री आर.के. रंजन सिंह के यहां स्थित आवास के बाहर महिलाओं की एक रैली ने उस वक्त उग्र रूप धारण कर लिया, जब प्रदर्शनकारियों ने आवास पर पथराव किया। प्रदर्शकारी, मंत्री से जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में स्थिति पर संसद में बयान देने की मांग कर रहे थे। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री सिंह के आवास पर दो महीने में हुआ यह दूसरा हमला है। इस बीच, मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने राज्य में शांति बहाल करने की मांग करते हुए दिन में एक रैली निकाली। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे क्योंकि युवक उस इलाके से गुजर रहे थे, जिसमें उन्हें रैली करने की अनुमति नहीं थी।
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बवाल किसलिए मचा
कांगपोकपी जिले में चार मई को हुई एक घटना का वीडियो सामने आने के कुछ दिन बाद ये घटनाएं हुई हैं। वीडियो में, भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के सामने आने के बाद देशभर में रोष व्याप्त हो गया।
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