–मिजो नेशनल फ्रंट ने कहा- छोड़ दो राज्य, हजारों लोग पलायन को मजबूर
–दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने लिया जायजा
–मणिपुर में हिंसा के बाद अब तक 150 से अधिक मौतें
इंट्रो
मणिपुर में हालात संभलने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच, कुकी समुदाय की महिलाओं का न्यूड वीडियो वायरल होने के बाद मैतेई समुदाय के प्रति गुस्सा भड़कने लगा है। गुस्से का यह दायरा अब मणिपुर से निकल अन्य राज्यों की तरफ भी बढ़ रहा है। मिजोरम की राजधानी आइजोल में मैतेई समुदाय के लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है। इसके बाद मैतेई समुदाय के 40 लोग वापस लौटे हैं। हजारों लोग पलायन को मजबूर हैं।
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नई दिल्ली। पूर्व मिलिटेंट्स के एक ग्रुप ने मैतेई समुदाय के लोगों को अपने रिस्क पर घरों से बाहर निकलने की वॉर्निंग दी है। इस ग्रुप ने कहा है कि मिजो युवाओं के भीतर मणिपुर में कुकी समुदाय की महिलाओं के साथ हुई घटना को लेकर काफी ज्यादा गुस्सा है। इसके बाद से मणिपुर सरकार मैतेई समुदाय को मिजोरम से एयरलिफ्ट करने की योजना बना रही है।
मणिपुर सरकार ने मिजोरम से मैतेई समुदाय के लोगों को स्पेशल एटीआर फ्लाइट से निकालने की योजना बनाई है। यह फ्लाइट्स आइजोल से इंफाल और आइजोल से सिलचर के बीच चल रही हैं। वहीं, मिजोरम पुलिस ने आइजोल में मैतेई समुदाय के लोगों की सुरक्षा बढ़ा दी है। इंडिया टुडे के मुताबिक आइजोल सिटी के वेटी कॉलेज, सेलिश, मिजोरम यूनिवर्सिटी, तान्हरिल, रिपन्स, जेमाबाक, जेडएमसी और फाल्काव्न में सुरक्षा में इजाफा किया गया है। इसको लेकर जारी बयान में कहा गया है कि मणिपुर में वीडियो वायरल होने के बाद आइजोल में टेंशन बढ़ी है। इसके चलते यहां रहने वाले मैतेई समुदाय के लिए खतरा हो सकता है। इनकी सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। मणिपुर सरकार ने आइजोल से मैतेई समुदाय के एयरलिफ्ट का प्लान बना लिया है। हालांकि इसकी शुरुआत कब से होगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बताया जाता है कि मणिपुर और मिजोरम के कुछ हजार मैतेई मिजोरम में रहते हैं। एक मैतेई छात्र ने बताया कि सरकार ने इस बारे में योजना तो बनाई है। लेकिन इस योजना को कब से अंजाम दिया जाएगा इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। शांति समझौते के बाद, एमएनएफ रिटर्नर्स एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने मैतेई लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए मिजोरम छोड़ने का आग्रह किया है। वहीं, मिजो छात्र संघ (एमएसयू) ने मिजोरम के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में मैतेई जनगणना कराने की अपनी योजना की घोषणा की है।
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मिजोरम सरकार ने दिया सुरक्षा का आश्वासन
मिजोरम सरकार ने प्रदेश में रह रहे मैतेई समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। साथ ही किसी भी तरह की अफवाह से सतर्क रहने के लिए भी कहा गया है। प्रदेश के गृहमंत्री और सचिव एच लालेंगमाविया ने मैतेई समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की। आधिकारिक बयान के मुताबिक इस दौरान उन्हें सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर आश्वासन दिया गया।
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मिजो जनजाति कुकी के काफी करीब
मिजोरम राज्य में रहने वाली मिजो जनजाति का कुकी-जोमी समुदाय से ऐतिहासिक तौर पर एक भावनात्मक लगाव रहा है। मणिपुर में जिस तरह से हालात बदल रहे हैं उसकी वजह से दूसरे राज्यों में रहने वाले मैतेई समुदाय की मुश्किलें बढ़ रही हैं। मणिपुर में रहने वाले अब तक 12 हजार से ज्यादा कुकी समुदाय के लोगों को मिजोरम राज्य में शरण मिली है।
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चुराचांदपुर में फिर भड़की हिंसा
रविवार को मणिपुर के चुराचांदपुर के कंगबई इलाके में फायरिंग और आगजनी की गई है। असम ऱाइफल्स के जवानों ने इस घटना के दौरान इंडिया टुडे की टीम को फायर जोन से सुरक्षित निकाला। इससे पहले चुराचांदपुर में शनिवार रात भी हिंसा भड़की थी। तोरबुंग इलाके में दो गुटों के बीच फायरिंग हुई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ जगहों पर उपद्रवियों ने आगजनी को भी अंजाम दिया है।
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मणिपुर पहुंची मालीवाल, कहा- यहां पीएम करें दौरा
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रविवार को कहा कि वह लोगों की सहायता के लिए मणिपुर आई हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से अपील करेंगी कि वे लोगों की पीड़ा देखने के लिए राज्य का दौरा करें। जातीय संघर्ष ग्रस्त राज्य में रविवार दोपहर पहुंचीं मालीवाल ने यह भी कहा कि वह राजनीति में शामिल होने के लिए यहां नहीं आयी हैं और जिन लोगों को यहां आना चाहिए, अगर वे राज्य का दौरा करेंगे तो वह वापस चली जाएंगी। डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, मैं यहां राजनीति करने नहीं, बल्कि लोगों की सहायता करने आयी हूं। मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय डब्ल्यूसीडी मंत्री से अपील करूंगी कि वे राज्य का दौरा करें। उन्होंने कहा, यहां महिलाएं पहले ही मुझसे संपर्क कर चुकी हैं। हिंसा उन्हें पिछले तीन महीनों से प्रभावित कर रही है। उन्होंने पहले घोषणा की थी कि राज्य सरकार द्वारा कथित तौर पर उनकी यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद वह राज्य की अपनी यात्रा जारी रखेंगी।
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सियासत भी गरमाई
कांग्रेस बोली- जब बीरेन सीएम रहे, शांति नहीं बढ़ेंगी
कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि एन. बीरेन सिंह जब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तब तक राज्य में चीजें शांति की दिशा में आगे नहीं बढ़ेंगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, हर गुजरते दिन के साथ जैसे-जैसे मणिपुर की भयावहता की सच्चाई सामने आ रही है, यह स्पष्ट है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। भीड़ और विद्रोही समूह बेलगाम हो रहे हैं। महिलाओं और परिवारों को सबसे खराब, अकल्पनीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की न केवल हिंसा में सहभागी है, बल्कि सक्रिय रूप से नफरत को बढ़ावा दे रहा है। रमेश ने कहा कि राज्य का सामाजिक ताना-बाना नष्ट हो गया है और समुदायों के बीच विश्वास पूरी तरह समाप्त हो गया है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘जब तक बीरेन सिंह मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक कोई न्याय नहीं होगा और न ही चीजें शांति की दिशा में आगे बढ़ेंगी।
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मंत्री बोले- संसद की चर्चा में शामिल हो विपक्ष
मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण संसद के मॉनसून सत्र में जारी गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को ‘हाथ जोड़कर’ विपक्ष से अनुरोध किया कि वे इसपर चर्चा में भाग लें। ठाकुर ने विपक्ष से अनुरोध किया कि वह पूर्वोत्तर राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का राजनीतिकरण ना करें। विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति को लेकर सोमवार को संसद में संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने की योजना बनायी है। विपक्ष की मांग है कि संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बयान दें। जबकि सरकार लगातार जोर दे रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी नहीं बल्कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह बोलेंगे। केन्द्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा, महिलाओं के प्रति अत्याचार पीड़ादायी है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पीड़िता किस राज्य की रहने वाली है। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाना राज्य की जिम्मेदारी है।
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