दोनों देशों के बीच हुए पांच समझौतें, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर।
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। जिसमें दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग से लेकर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान कुल पांच समझौतों, एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा बैठक में हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में बढ़ती चीन की मौजूदगी और आक्रामकता का मुद्दा भी प्रमुखता से शामिल किया गया। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के सामने भारत की सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंता जाहिर की है। वहीं द्विपक्षीय वार्ता के बाद दिए प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध श्रीलंका न केवल भारत बल्कि समूचे आईओआर के हित में है। श्रीलंका के लोगों की संघर्ष की इस घड़ी में भारत उनके साथ खड़ा है। भारत का मानना है कि दोनों देशों के सुरक्षा हित और विकास एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए आवश्यक है दोनों एक-दूसरे की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ मिलकर काम करें। श्रीलंका का भारत की अपनी पड़ोसी देश पहले नीति और सागर विजन में एक महत्वपूर्ण स्थान है। गौरतलब है कि श्रीलंका में जारी गंभीर आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बीते गुरुवार से भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। यह बीते वर्ष श्रीलंका के गंभीर आर्थिक संकट के बीच बतौर राष्ट्रपति अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करने के बाद की गई भारत की उनकी पहली यात्रा है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने पीएम के साथ बैठक के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इसके अलावा उनकी विदेश मंत्री एस.जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात हुई।
चीन की आक्रामकता पर हुई चर्चा
वहीं इस बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आईओआर में चीन की बढ़ती आक्रामकता से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में बताया कि भारत और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्षों की बातचीत में हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी का मुद्दा भी शामिल हुआ। जिसमें दोनों शीर्ष नेताओं ने क्षेत्र में बनी हुई सुरक्षा चुनौतियों का व्यापक आधार पर आकलन किया और उन पर विस्तृत रूप से चर्चा भी की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समक्ष चीन की क्षेत्र में बढ़ती मौजूदगी को लेकर भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। जिसके जवाब में श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा कि हम समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा का सम्मान करते हैं। दोनों देशों की साझा चुनौतियों पर निगरानी बनी हुई है।
इन समझौतों, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच कुल पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जिसमें श्रीलंका में यूपीआई के शुभारंभ करने के लिए एक समझौता हुआ है। इससे फिनटेक कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में सहयोग को लेकर जॉइंट डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। श्रीलंका के त्रिंकोमाली जिले में आर्थिक विकास परियोजनाओं में सहयोग को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यूपीआई एप्लीकेशन को स्वीकार करने के लिए एनआईपीएल और लंका पे के बीच समझौता हुआ और सेमपुर सोलर पावर परियोजना के लिए ऊर्जा परमिट को लेकर भी भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ है।
आर्थिक साझेदारी के लिए विजन डॉक्यूमेंट
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और श्रीलंका ने आर्थिक साझेदारी के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट अपनाया है। ये श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घावधि प्रतिबद्धता से जुड़ा विजन है। साथ ही यह दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा, पर्यटन, विद्युत, व्यापार, उच्च-शिक्षा, कौशल विकास और लोगों के विकास के आपसी संबंध को मजबूती देने का विजन है। उधर विदेश सचिव ने बताया कि दोनों के बीच रुपए पर कारोबार की प्रक्रिया जारी है। व्यापार शुरू हुआ है, कुछ कंसाइनमेंट गए हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच मुद्राओं को पूरी तरह से पहुंचना चाहिए।
बढ़ेगा व्यापार और आर्थिक सहयोग
पीएम ने कहा कि दोनों पक्षों ने तय किया है कि आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते पर जल्द ही बातचीत शुरू की जाएगी। इससे दोनों देशों के लिए व्यापार और आर्थिक सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी। हम भारत और श्रीलंका के बीच हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी सहमत हैं। बैठक में व्यापार और लोगों का आवागमन बढ़ाने के लिए तमिलनाडु के नागपट्टनम और श्रीलंका के कांके-संतुरई के बीच यात्री फेरी सेवा शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। दोनों देशों के बीच बिजली ग्रिड को जोड़ने के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। भारत और श्रीलंका के बीच पेट्रोलियम पाइपलाइन के लिए संभावना अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा एक सड़क पुल की संभावना को भी जांचने का निर्णय लिया गया है। श्रीलंका में यूपीआई के शुभारंभ करने के लिए हुए समझौते से फिनटेक कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
बातचीत में उठा मछुआरों का मुद्दा
प्रधानमंत्री ने बताया कि बैठक में मछुआरों की आजीविका के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। दोनों पक्ष सहमत हैं कि इस मामले में एक मानवीय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। श्रीलंका में पुनर्निर्माण और समन्वय पर भी बात हुई। पीएम ने उम्मीद जताते हुए कहा कि श्रीलंका की सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और समानता, न्याय और शांति के लिए पुनर्निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी। इसके अलावा 13वें संशोधन का कार्यान्वयन, प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूर्ण करेगी व श्रीलंका के तमिल समुदाय के लिए आदर और सम्मान की जिदंगी सुनिश्चित करेगी।
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