चोरी की डिग्री से महिला डॉक्टर बनकर इलाज

रायपुर में चोरी हुई थी एमबीबीएस की डिग्री

अंबिकापुर। डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। मुसीबत के समय लोग अपनी जान बचाने के लिए डॉक्टर के पास आते हैं, लेकिन अब यदि लोग डॉक्टर की फर्जी डिग्री लेकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने लग जाए तो फिर मरीजों का तो भगवान ही मालिक है। ऐसा ही कुछ मामला सरगुजा में सामने आया है, जहां एक महिला चोरी की डिग्री लेकर शहर के सबसे बड़े संस्थान होलीक्रॉस हॉस्पिटल में मरीजों का उपचार कर रही थी। जब महिला डॉक्टर को इस बात की जानकारी हुई कि उसके नाम की डिग्री का उपयोग कहीं और भी किया जा रहा है तो उसने घटना की शिकायत आज पुलिस से की थी। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। फिलहाल पुलिस फर्जी डॉक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है लेकिन इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े कर दिए है। इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए एएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि लखनपुर निवासी 27 वर्षीय डॉ. खुशबू साहू पति अंकुर साहू वर्तमान में लहपटरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के पद पर पदस्थ है। डॉ. खुशबू साहू ने आज पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके ही नाम और डिग्री के आधार पर किसी और महिला डॉक्टर द्वारा शहर के होलीक्रॉस हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी जा रही है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी सुनील शर्मा ने जांच के आदेश थे जिसके बाद एएसपी विवेक शुक्ला, सीएसपी स्मृतिक राजनाला के नेतृत्व में पुलिस कोतवाली व गांधीनगर पुलिस द्वारा मामले की जांच करते हुए मिशन हॉस्पिटल में कार्यरत महिला चिकित्सक को हिरासत में लिया गया। महिला की पहचान रायपुर तिल्दा मोरेंगा निवासी 27 वर्षीया वर्षा वानखेड़े पति रवि बोकडे के रूप में की गई। महिला गांधीनगर में रहकर मिशन हॉस्पिटल में चिकित्सक के रूप में कार्य कर रही थी। महिला ने पूछताछ ने दौरान चोरी की डिग्री से मरीजों का उपचार करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस ने मामले में महिला को धारा 419, 420 के तहत गिरफ्तार किया गया है।

रायपुर में चोरी हुए थे दस्तावेज

पुलिस के अनुसार डॉक्टर खुशबू साहू मार्च 2021 में रायपुर के एमएमआई हॉस्पिटल में चिकित्सक के रूप में ज्वाइन करने के लिए गई हुई थी। हॉस्पिटल में दस्तावेज परीक्षण के दौरान ही उनकी सम्पूर्ण शैक्षणिक डिग्री व एमबीबीएस का सर्टिफिकेट चोरी हो गया था। डॉ. साहू ने दस्तावेज चोरी होने की शिकायत रायपुर टिकरापारा थाने में की थी। इस बीच, उन्हें यह पता चला कि उनके डिग्री के आधार पर कोई और महिला खुशबू साहू बनकर लोगों का इलाज कर रही है।

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डेढ़ वर्ष से कर रही थी उपचार

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि फर्जी महिला वर्षा वानखेड़े विगत डेढ़ वर्ष से होलीक्रॉस हॉस्पिटल में लोगों का उपचार कर रही थी। डॉक्टरी की पढ़ाई किए बिना और बिना किसी वैध लाइसेंस के महिला द्वारा लोगों का उपचार करने के नाम पर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। आज पुलिस के कार्रवाई की भनक लगने के बाद वह भागने की तैयारी में थी लेकिन पुलिस ने समय रहते महिला को गिरफ्तार कर लिया। हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन को भी इस बात की जानकारी नहीं लग पाई जबकि किसी भी डॉक्टर को सेवा में रखने से पहले उसके दस्तावेजों की जांच प्रबंधन द्वारा की जाती है।

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चल रही है मामले की जांच

डॉक्टर ने अपनी डिग्री चोरी होने और किसी अन्य महिला द्वारा उसके दस्तावेजों के आधार पर चिकित्सक के रूप में काम करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। महिला डेढ़ वर्ष से होलीक्रॉस हॉस्पिटल में दूसरे की डिग्री लेकर लोगों का उपचार कर रही थी। फिलहाल मामले की विस्तृत जांच चल रही है।

-विवेक शुक्ला, एएसपी, सरगुजा

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