-कूनो में चीतों की मौतों पर चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा
(फोटो – कूनो)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत पर चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाए। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा शीर्ष अदालत से कहा है कि ट्रांसलोकेशन में 50 फीसदी मौतें सामान्य हैं। अदालत में जस्टिस बीआर गवी और जेबी पर्दीवाला तथा प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कूनो में चीतों की मौत से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘अफ्रीका – नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है जबकि, इन्हें भारत लाए हुए अभी एक साल पूरा भी नहीं हुआ है। मौत का यह आंकड़ा कोई अच्छी बात नहीं है।’ पिछले हफ्ते कूनो में दो चीतों की मौत पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न क्यों बना रहे हैं? क्यों सभी चीतों को एक जगह पर रखा गया। अदालत ने सलाह दी है कि केंद्र सरकार कुछ सकारात्मक कदम उठा सकती है। अदालत में सरकार की तरफ से मौजूद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कोर्ट को बताया कि वो प्रोजेक्ट के लिए बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अदालत से कहा कि ट्रांसलोकेशन के दौरान 50 फीसदी मौतें सामान्य हैं।
द. अफ्रीका से लाए गए थे 18 चीते
इसके साथ ही अदालत ने यह भी जानना चाहा कि क्या चीते इस क्लाइमेट के लिए उपयुक्त हैं या फिर वो किडनी या सांस की समस्या से जूझ रहे हैं या नहीं। एएसजी ने बताया कि मौत की सबसे बड़ी वजह इन्फेक्शन है। बता दें कि साउथ अफ्रीका के साथ एक एमओयू साइन होने के बाद 18 फरवरी को चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया। चीता प्रोजेक्ट का मकसद देश में चीतों की संख्या बढ़ाना है।
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