— संसद का मानसून सत्र आज से, हुई सर्वदलीय बैठक
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11 अगस्त तक चलेगा सत्र
17 बैठकें होंगी
31 विधेयक पेश करने की तैयार
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नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान सुचारू कामकाज को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक की। कांग्रेस ने सर्वदलीय मीटिंग में सरकार से मणिपुर की स्थिति, ओडिशा रेल हादसे और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। पार्टी ने कहा कि अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस ने 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार से मणिपुर की स्थिति एवं ओडिशा रेल हादसे जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती, और अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो। चौधरी ने कहा, मैंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में हिस्सा लिया और उन सभी मुद्दों को उठाया जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। सर्वदलीय बैठक में भी मैंने इन मुद्दों को उठाया। हमारी मांग है कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा जरूर होनी चाहिए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा, दो महीने गुजर गए लेकिन प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) चुप हैं। मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि उन्हें संसद में बयान देना चाहिए और चर्चा करानी चाहिए। संसद के बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में सुचारू कामकाज के लिए चर्चा करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। संसदीय ग्रंथालय भवन में हुई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए। बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा, मैंने मांग की है कि भारत-चीन सीमा मुद्दे और कारोबार असंतुलन पर भी चर्चा करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ताली एक हाथ से नहीं बजती। अगर सरकार सदन में कामकाज चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को मुद्दे उठाने और अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। चौधरी ने कहा हम दिल्ली इसलिए आए हैं कि सदन में चर्चा करें और जनता के मुद्दों को उठाएं। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। सत्र 11 अगस्त तक चलना प्रस्तावित है। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें होनी हैं।
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आप ने उठाई दिल्ली अध्यादेश की मांग
आप के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, सर्वदलीय बैठक में मोदी सरकार से दिल्ली के काले अध्यादेश को वापस लेने की मांग उठाई। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों का फैसला 8 दिन कैसे बदल दिया गया? आखिर अध्यादेश के जरिए संविधान संशोधन कैसे किया जा सकता है? ज्यादातर दलों ने मोदी सरकार के काले अध्यादेश का विरोध किया।
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समान नागरिक संहिता पर चर्चा चाहती है सपा
समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने बैठक के बाद बताया कि हमने समान नागरिक संहिता पर चर्चा की मांग की। यूनिफॉर्म सिविल कोड का पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी चीफ अखिलेश यादव भी विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसका लक्ष्य समाज को बांटना है। सर्वदलीय मीटिंग के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना गुट के नेता ने समान नागरिक संहिता का मामला उठाते हुए मांग की कि इसे इसी मानसून सत्र में लाया जाए।
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संसदीय कार्य मंत्री बोले- सभी मुद्दों पर करेंगे चर्चा
इधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद में सरकार हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं। जोशी ने बताया कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार है क्योंकि सभी विपक्षी दलों ने मीटिंग में इसकी मांग की है। बता दें कि संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं। इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं. मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
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