अजीत को साथ लाने की कोशिशें तेज, भतीजे युगेंद्र ने की मुलाकात

-पवार परिवार पार्टी की टूट साधने में जुटा

(फोटो : परिवार)

मुंबई। मराठा छत्रप शरद पवार को भतीजे अजित पवार के अलग होने से करारा झटका लगा है। अब दोनों के अलगाव के कई दिनों बाद उन्हें साथ लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। पवार फैमिली के लोग ही दोनों नेताओं को साथ लाने की कोशिश में हैं ताकि परिवार और पार्टी दोनों को बिखरने से बचाया जा सके। इसे शरद पवार खेमे की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। मंगलवार को अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार ने उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद वह अपने दादा शरद पवार से भी मिलने गए थे। उनकी दोनों से मुलाकात को एकता की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

युगेंद्र पवार अजित के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। युगेंद्र पवार की कभी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं रही है और वह हमेशा इससे जुड़ी गतिविधियों से दूर ही रहे हैं। ऐसे में एक ही दिन में उनकी दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद चर्चे शुरू हो गए हैं। युगेंद्र पवार को अजित पवार के करीबी लोगों में शुमार किया जाता है। माना जा रहा है कि उनके प्रभाव को इस्तेमाल करके अजित पवार को वापस लाने की कोशिश की जा सकती है। इससे पहले भी अजित पवार के परिवार से ही एकता की कोशिशें हुई हैं।

भाई ने कराई थी वापसी

अजित पवार ने 2019 में जब अचानक ही देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी, तब भी उनके बड़े भाई श्रीनिवास ने ही मध्यस्थ का रोल अदा किया था। इस मामले में अजित पवार से चाचा शरद पवार नाराज हो गए थे। फिर श्रीनिवास ने दोनों से बात की और अजित पवार की वापसी तय कराई थी। इसके बाद अजित पवार ने फडणवीस सरकार से इस्तीफा दे दिया था और फिर नई बनी महाविकास अघाड़ी में भी उन्हें यही पद मिला था। हालांकि युगेंद्र पवार ने कहा कि उनकी शरद पवार से मीटिंग निजी मुलाकात ही थी। इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं हैं।

हम राजनीति और परिवार को रखते हैं अलग

शरद पवार के पोते ने कहा कि मैं किसी कयास पर बात नहीं करूंगा। यह पहला मौका नहीं है, जब मैंने उनसे मुलाकात की है। हालांकि उन्हें अपने पिता श्रीनिवास के मनाने पर 2019 में अजित के लौटने पर जरूर कहा कि यह परिवार की बात है। उन्होंने कहा कि आखिर दोनों लोग भाई हैं। फिर हम राजनीति में नहीं है। हम लोग परिवार और राजनीति को अलग रखते हैं। युगेंद्र ने कहा कि भले ही राजनीतिक रूप से कुछ मतभेद रहें, लेकिन पवार फैमिली घर में एकजुट ही रही है।

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