महंगाई की फिर तेज रफ्तार, सब्जियों ने रुलाया, खाने-पीने की चीजों के बढ़े दाम,

—एक महीने बाद फिर झटका, खुदरा मुद्रास्फीति जून में 4.81 फीसदी

— 25 महीने बाद मई में घटकर 2.96 फीसदी पर आई थी महंगाई

—असमान बारिश से फसलाें पर दिखा असर, ऐसे में बढ़ गए दाम

इंट्रो

महंगाई ने एक बार फिर जोर का झटका दिया है। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ गए हैं। जून में फुटकर महंगाई 4.81% पर पहुंच गई है। मई में यह 25 महीने के निचले स्तर 4.25% पर आ गई थी। जून में सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण महंगाई बढ़ी है। असमान मानसूनी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे दाम बढ़े हैं।

नई दिल्ली। खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर तीन महीनों के उच्चस्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकार ने बुधवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। मई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.31 प्रतिशत रही थी जबकि साल भर पहले जून, 2022 में यह सात प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति 4.49 प्रतिशत रही जबकि मई में यह 2.96 प्रतिशत थी। सीपीआई में खाद्य उत्पादों का भारांक लगभग आधा होता है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़ने के बावजूद यह भारतीय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के नीचे है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। रिजर्व बैंक खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े को ध्यान में रखते हुए द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा करता है। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा था। इसके साथ ही उसने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.6 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था।

मई में 4.25 फीसदी पर आ गई थी महंगाई

फुटकर महंगाई दर मई में घटकर 4.25% पर आ गई थी। यह 25 महीनों का सबसे निचला स्तर था। अप्रैल 2021 में महंगाई 4.23% रही थी। खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट के कारण महंगाई में यह कमी आई थी। इससे पहले अप्रैल 2023 में महंगाई 4.70% रही थी।

खड़गे बोले-‘वक्तव्य’ की नहीं, ‘कर्त्यव्य’ की ज़रूरत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महंगाई के मुद्दे को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वक्तव्य’ की नहीं, ‘कर्त्यव्य’ की ज़रूरत है। उन्होंने कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमतों का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, अच्छे दिन, अमृत काल, कर्त्यव्य काल, हर कुछ दिनों में बस मार्केटिंग के लिए विमर्श बदला जाता है। कभी काम नहीं बदलता ! काम वही है कि जानलेवा महंगाई लागू कर, “लूट काल” में जनता की बचत पर डाका डालने की रोज़ाना चाल! खड़गे ने कहा, नरेन्द्र मोदी जी,महंगाई से जूझ रही जनता को आपके ‘वक्तव्य’ की नहीं ‘कर्त्यव्य’ निभाने की जरूरत है!

सब्जियों की कीमतों में इजाफा

खुदरा महंगाई बढ़ने का बड़ा कारण इस बार सब्जियों की कीमतों में इजाफा होना रहा है। सब्जियों के मामले में भी इस बार खुदरा महंगाई बढ़ी है। सब्जियों की महंगाई दर मासिक आधार पर -8.18% से बढ़कर -0.93% हो गई है। दूसरी ओर, बिजली ईंधन की महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है और मई महीने की तुलना में जून में यह 4.64% से घटकर 3.92% हो गई। हाउसिंग क्षेत्र की खुदरा महंगाई दर 4.84% से घटकर 4.56% रह गई।

इधर, सस्ता टमाटर बेचेगी केंद्र सरकार

टमाटर की कीमतों में आए उछाल के बीच ग्राहकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार शुक्रवार से राष्ट्रीय राजधानी और कुछ अन्य शहरों में रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री करेगी। कुछ शहरों में इस प्रमुख खाद्य उत्पाद की कीमत 200 रुपए प्रति किलोग्राम से भी अधिक हो गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि टमाटर की बिक्री राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ की तरफ से की जाएगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में टमाटर रियायती दरों पर बेचे जाएंगे। इसके अलावा पटना, वाराणसी, कानपुर और कोलकाता में भी रियायती टमाटर उपलब्ध होंगे।

ऐसी महंगाई

खाद्य महंगाई दर 2.96% से बढ़कर 4.49%

ग्रामीण महंगाई दर 4.23% से बढ़कर 4.72%

शहरी महंगाई दर 4.33% से बढ़कर 4.96%

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