अमेरिका में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास पर किया हमला

— हदें पार कर रहे खालिस्तानी, तीन माह में दूसरा अटैक, भारत ने राजनयिक को किया तलब

— दूतावास में तोड़फोड़ और आगजनी, अमेरिकी सरकार ने भी की निंदा

— पोस्टर हुआ वायरल, लिखा-‘खालिस्तान फ्रीडम रैली’ आठ जुलाई को

इंट्रो

अमेरिका में एक बार फिर खालिस्तानियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया है। सैन फ्रांसिस्को में स्थित भारतीय दूतावास में खालिस्तान समर्थकों के आग लगाने का मामला सामने आया है। पिछले 3 महीनों में यह दूसरी बार भारतीय दूतावास पर हमला है। अमेरिका ने इस घटना की निंदा की है, वहीं भारत ने कड़ा ऐतराज जताते हुए भारत में अमेरिकी राजदूत को तलब किया है।

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने आगजनी की कोशिश की, जिसकी अमेरिकी सरकार ने कड़ी निंदा करते हुए इसे एक ‘आपराधिक कृत्य’ बताया। यह कुछ महीनों के भीतर सैन फ्रांसिस्को में राजनयिक मिशन पर हमले की ऐसी दूसरी घटना है। खालिस्तान समर्थकों ने दो जुलाई 2023 का एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया, जिसमें सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में हिंसा का जवाब हिंसा ही होता है, जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कनाडा में स्थित ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की मौत से जुड़ी खबरें भी दिखायी गयी हैं। भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक रहे निज्जर की पिछले महीने कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को ट्वीट किया, अमेरिका शनिवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है। अमेरिका में राजनयिक केंद्रों या विदेशी राजनयिकों के खिलाफ हिंसा एक अपराध है। अमेरिका में दक्षिण एशियाई प्रसारणकर्ता ‘दीया टीवी’ ने ट्वीट किया, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में शनिवार देर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच आगजनी की गयी। सैन फ्रांसिस्को विभाग ने आग पर तुरंत काबू पा लिया, बहुत कम क्षति हुई और किसी कर्मी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। स्थानीय, राज्य और संघीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। उसने हमले का एक वीडियो भी साझा किया।

इस बीच, सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे एक पोस्टर में लिखा है कि ‘खालिस्तान फ्रीडम रैली’ आठ जुलाई को आयोजित की जाएगी जो कैलिफोर्निया के बर्कले से शुरू होगी और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर समाप्त होगी। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमला किए जाने की यह कुछ महीनों के भीतर दूसरी घटना है। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था। खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने शहर की पुलिस द्वारा लगाए अस्थायी सुरक्षा अवरोधक तोड़ दिए थे और दूतावास परिसर में दो तथाकथित खालिस्तान झंडे लगाए थे। हालांकि दूतावास कर्मियों ने तुरंत इन झंड़ों को हटा दिया था। भारतीय समुदाय के नेता अजय भुटोरिया ने कहा कि सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास पर हमला अत्यधिक चिंताजनक है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, राजनयिकों मिशनों को निशाना बनाने के हिंसा के ऐसे कृत्य अत्यधिक चिंताजनक हैं। भुटोरिया ने सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग से घटना की तेजी से जांच करने और दोषियों को सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा, राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मेजबान देश की न केवल जिम्मेदारी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मूलभूत दायित्व भी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा था कि ‘चरमपंथी, अतिवादी’ खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है। वह कनाडा में खालिस्तान समर्थक पोस्टरों में भारत के वरिष्ठ राजनयिकों के नाम होने की खबरों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया जाएगा।

ट्वीट पर शेयर की तस्वीर

अमेरिका में दक्षिण एशियाई ब्रॉडकास्टर ‘दीया टीवी’ ने ट्वीट किया, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में शनिवार देर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच आगजनी की गई। सैन फ्रांसिस्को विभाग ने आग पर तुरंत काबू पा लिया, बहुत कम क्षति हुई और किसी कर्मी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। स्थानीय, राज्य और संघीय प्राधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।

कनाडा में ‘किल इंडिया’ रैली का ऐलान

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने पोस्टर लगाए हैं, जिनमें भारतीय राजनयिकों की तस्वीरें लगी हैं और उन्हें धमकी दी गई है। खालिस्तानियों ने ऐलान किया है कि वे 8 जुलाई को कनाडा में ओटावा के भारतीय उच्चायोग और दो अन्य दूतावास के सामने प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसे लेकर भारत ने सख्त आपत्ति जताई है और कनाडा को नसीहत दी।

19 मार्च को भी हुआ था हमला

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमला किए जाने की यह कुछ महीनों के भीतर दूसरी घटना है। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था। खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने शहर की पुलिस द्वारा लगाए अस्थायी सिक्योरिटी बैरिकेड तोड़ दिए थे। दूतावास परिसर में दो तथाकथित खालिस्तान झंडे लगाए थे। हालांकि दूतावास कर्मियों ने तुरंत इन झंड़ों को हटा दिया था।

भारत ने उच्चायुक्त को किया तलब

इधर, भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर एक ‘डिमार्शे’ (आपत्ति जताने वाला पत्र) जारी किया। खालिस्तानी समर्थक समूहों द्वारा भारतीय राजनयिकों से संबंधित कुछ पोस्टर जारी करने के बाद कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया गया। सूत्रों ने बताया कि उच्चायुक्त को सोमवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और एक ‘डिमार्शे’ सौंपा गया।

जरूरी कदम उठाए सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों द्वारा आगजनी की कोशिश किए जाने की निंदा की। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार को अपने दूतावासों, उच्चायोगों एवं राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए। खेड़ा ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को न्याय के जद में लाया जाना चाहिए।

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