-आगामी लोस चुनाव के मद्देनजर बनेगी रणनीति
-मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता की कवायद
नई दिल्ली। पटना में विपक्षी जमावड़े के बाद अब कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में जुटान की तैयारी है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया है कि अगली मीटिंग 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘पटना में विपक्ष की सर्वदलीय बैठक की अपार सफलता के बाद अब अगली मीटिंग बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को होने वाली है। हम फासीवादी और गैरलोकतांत्रिक ताकतों को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम देश के सामने एक मजबूत विजन पेश करेंगे।’ इससे पहले 23 जून को मीटिंग हुई थी, जिसमें ममता बनर्जी, लालू यादव, स्टालिन, शरद पवार, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अखिलेश यादव जैसे दिग्गज नेता शामिल थे। इस मीटिंग में भाजपा के खिलाफ साझा लड़ाई की सहमति बनी थी। इसके बाद फैसला हुआ था कि 2024 के चुनाव में सीटें तय करने और गठबंधन के फॉर्म्यूले पर बात करने के लिए आगे भी मीटिंग होंगी। इसी दौरान यह भी तय हुआ था कि अगली मीटिंग की मेजबानी किसी कांग्रेस शासित राज्य में होगी। शुरुआत में हिमाचल प्रदेश को लेकर चर्चा थी, लेकिन बाद में बेंगलुरु को लेकर सहमति बनी।
आप का रोड़ा
हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि बेंगलुरु में होने वाली मीटिंग में अरविंद केजरीवाल रहेंगे या नहीं। बता दें कि आम आदमी पार्टी लगातार इस जिद पर अड़ी हुई है कि कांग्रेस उसे दिल्ली में प्रशासन के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए अध्यादेश के खिलाफ राज्यसभा में समर्थन का वादा करे।
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रालोद के भाजपा से हाथ मिलाने का दावा गलत : जयंत
बागपत (उप्र)। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी ने महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने की अटकलों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि उनका रुख बिल्कुल स्पष्ट है और वह विपक्षी दलों की अगली बैठक में जरूर शामिल होंगे। चौधरी का रालोद समाजवादी पार्टी (सपा) का सहयोगी दल है और उसने वर्ष 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था। चौधरी सपा की मदद से राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
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बीआरएस किसी की ‘बी टीम’ नहीं : टीआरएस
हैदराबाद। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के खिलाफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के हमले पर पलटवार करते हुए तेलंगाना के वित्त मंत्री टी. हरीश राव ने कहा कि बीआरएस किसी की ‘‘बी टीम” नहीं है। बीआरएस को गरीबों की ‘‘ए टीम” बताते हुए उन्होंने कहा कि बीआरएस का गठन देश को ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के चंगुल” से बचाने के लिए किया गया, क्योंकि कांग्रेस देश की सत्तारूढ़ पार्टी का मुकाबला करने में असमर्थ रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के कथित ‘‘शराब घोटाले” का हवाला देते हुए कहा था कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) का ‘‘रिमोट कंट्रोल” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ में है। उन्होंने तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी को ‘‘ भाजपा की बी टीम ” और बीआरएस को ‘‘ भाजपा रिश्तेदार समिति” करार दिया था। राहुल ने आरोप लगाया था कि राव तथा उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण वे भाजपा का साथ दे रहे हैं।
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