भारत के खिलाफ फिर नई साजिश, एलएसी पर चीन लगा रहा सोलर और हाइड्रो प्रोजेक्ट

-पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास बनाए गए हैं नए ठिकाने

-50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात कर रखा है ड्रैगन ने यहां

  • लंबे समय से खराब मौसम से जूझते हैं यहां चीनी सैनिक

(फोटो : एलएसी चीन)

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास बनाए गए नए ठिकानों पर चीन सौर और पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने ये जानकारी दी है। धिकारियों ने बताया है कि क्षेत्र में तैनात सैनिकों को रखने के लिए स्थापित किए गए नए बेस पर ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ये परियोजनाएं शुरू की गई हैं। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अनुसार, चीनियों को एलएसी पर इसलिए ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित करने की जरूरत महसूस हुई क्योंकि खराब मौसम बहुत ढंड के मौसम में आगे के सैनिक चौकियों पर निगरानी के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात रखने में चीन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। लद्दाख क्षेत्र में तैनात चीनी सैनिकों को लंबे समय से खराब मौसम की मार झेलनी पड़ी है।

अधिकारी ने बताया कि चीन की तैयारियों की तुलना में, सियाचिन ग्लेशियर की ऊंचाई पर अत्यधिक सर्दियों में भी भारतीय सैनिक काम करने का व्यापक अनुभव रखते हैं क्योंकि भारतीय सैनिकों के पास चरम मौसम की स्थिति का सामना करने की बेहतर क्षमता और साधन हैं।

2020 में हुआ था संघर्ष

रिपोर्टों के अनुसार, चीन ने 2020 से भारत के साथ लगने वाली सीमाओं पर 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात कर रखा है। 2020 में चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी। हालाँकि, क्षेत्र में तैनात भारतीय सेना के जवानों ने चीनी आक्रामकता को सफलतापूर्वक रोक दिया था। भारत और चीन दोनों तब से यानी 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से एलएसी के करीब पूर्वी लद्दाख सेक्टर में सैनिकों की भारी तैनाती बनाए हुए हैं।

करीब एयरफील्ड का भी विस्तार

चीन सीमा विवाद को लेकर किस तरह से दोहरा रवैया अपनाए हुए है, यह उसकी हरकतों से पता चलता है। 2020 में गलवान विवाद के बाद भारत के साथ उसकी कमांडर स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें वह सीमा पर शांति बनाए रखने की बात करता है। इस बीच वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास वह अपनी ताकत बढ़ा रहा है। पिछले दिनों सेटेलाइट तस्वीरें चीन के नापाक इरादों की पोल खोल देती हैं। पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी चीन की सेना 2020 के बाद से ही अपने लिए एलएसी के करीब एयरफील्ड का विस्तार करने में जुटी है। मई 2020 में शुरु हुए सैन्य गतिरोध के बाद चीन ने बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती के साथ ही हवाई पट्टी, हेलीपैड, रेलवे सुविधा, मिसाइल ठिकानों और पुलों का तेजी से निर्माण किया है।

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