- राष्ट्रीय कन्वेनर के नाम की भी चर्चा तेज
(फोटो : पीडीए)
नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने 23 जून को पटना बैठक में एक होकर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को चुनौती देने पर अंतिम सहमति बना ली गई है। 12 जून को शिमला बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा के बाद गठबंधन के नाम और इसके राष्ट्रीय कन्वेनर के नाम पर सहमति बन सकती है। लेकिन शिमला बैठक के पहले ही गठबंधन के नए नाम और इसके राष्ट्रीय कन्वेनर के नाम की चर्चा तेज हो गई है। पटना बैठक में ही गठबंधन के एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी ने गठबधन के नाम और उसके सहयोगी को लेकर एक संकेत दे दिया था। यदि किसी विपक्षी दल को इस पर आपत्ति न हुई तो शिमला बैठक के बाद इसकी औपचारिक तौर पर घोषणा की जा सकती है।
पटना बैठक में शामिल विपक्षी दलों के एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी ने इशारा किया है कि सत्तारूढ़ एनडीए (नेशनल डेमोक्रैटिक एलायंस) के सामने विपक्ष अपने गठबंधन को पीडीए का नाम दे सकता है। इस पीडीए का विस्तार पेट्रियॉटिक डेमोक्रेटिक एलायंस हो सकता है। इसमें पेट्रियॉटिक शब्द जोड़कर विपक्ष यह बताने की कोशिश कर सकता है कि वे भाजपा से कहीं ज्यादा राष्ट्रवादी हैं।
अखिलेश ने दिया था यह नाम
दरअसल, सबसे पहले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पीडीए शब्द को लोगों के सामने रखा था। उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के समीकरण के सहारे भाजपा का मुकाबला करने की बात कही थी। अखिलेश ने इशारों-इशारों में पटना बैठक में भी इस मुद्दे को उछाल दिया था।
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