हमारी रगों में है लोकतंत्र, लोकतांत्रिक मूल्यों से कोई भेदभाव नहीं करता भारत

भारत की सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती।

बीते गुरुवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

अमेरिकी संसद में हुआ पीएम मोदी का जोरदार स्वागत, भाषण के दौरान दर्जनभर से अधिक बार लगे मोदी-मोदी और वंदे मातरम के नारे, भाषण खत्म होने के बाद अमेरिकी सांसदों में पीएम से ऑटोग्राफ लेने की मची होड़।

नई दिल्ली।

अपनी पहली राजकीय यात्रा के दौरान बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है। अमेरिका के साथ हम खास रिश्ता साझा करते हैं। भारत विकास करता है तो पूरी दुनिया विकास करती है। इसलिए हमारा एक ही विजन है ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’। हमारी सरकार भी इसी सिद्धांत पर चलती है। पीएम ने स्पष्ट किया कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों से कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। भारत लोकतंत्र की जननी है। संबोधन से पहले अमेरिकी सांसदों और भारतीय अमेरिकियों की तरफ से प्रधानमंत्री का यूएस कांग्रेस में जोरदार स्वागत किया गया। इतना ही नहीं उनके भाषण के दौरान कई बार तालियों की गड़गड़ाहट के साथ संसद में करीब दर्जनभर से अधिक बार मोदी-मोदी और वंदे मातरम के नारों की गूंज सुनाई दी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो.बाइडन के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। जिसमें कई चुनौतीपूर्ण, जटिल तकनीक के आदान, प्रदान और रक्षा-सुरक्षा से जुड़े हुए कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

लोकतंत्र में भेदभाव की कोई जगह नहीं

द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया और वहां भारत के लोकतंत्र व उसमें मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव से जुड़े मुद्दे को जोरदार ढंग से खारिज करते हुए कहा कि हमारे डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र में किसी भी तरह के भेदभाव की कोई जगह नहीं है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी से इस प्रेस वार्ता में एक महिला पत्रकार ने सवाल पूछा था कि भारत को लोग दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहते हैं। फिर भी बहुत सारे मानवाधिकार संगठन आपकी सरकार में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होने की बात कहते हैं? इसके जवाब में पीएम ने कहा कि मैं हैरान हूं कि आप ऐसा पूछ रही हैं कि लोग कहते हैं। लेकिन मैं आपको बता दूं कि लोग कहते नहीं, भारत में लोकतंत्र है। भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। वह हमारी रगों में बहता है, हमारी आत्मा में है।

लोकतंत्र की जननी है भारत

उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है। पूरे इतिहास में एक बात स्पष्ट हो रही है कि लोकतंत्र वह भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है। लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है। लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को प्राचीनकाल से ही ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है। अमेरिका का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि अमेरिका की स्थापना समान लोगों वाले राष्ट्र के दृष्टिकोण से प्रेरित थी। यहां लाखों लोग हैं। जिनकी जड़ें भारत में हैं। उनमें से कुछ इस कक्ष में गर्व से बैठते हैं और एक मेरे पीछे (उप राष्ट्रपति कमला हैरिस) हैं।

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