पंचांगानुसार 4 जुलाई से 59 दिनों के लिए हो रही है श्रावण मास की शुरुआत
फोटो सेंट्रल में बाहर महाकाल नाम से …..
नई दिल्ली। इस बार सावन में लगातार दो माह तक महादेव की पूजा होगी और पूरे आठ सावन सोमवार का व्रत रखा जाएगा, क्योंकि सावन 59 दिनों का होगा। ऐसा संयोग 19 साल बाद बना है। श्रावण मास के दौरान महाकालेश्वर मंदिर में दो माह गर्भगृह में अतिविशिष्ट को छोड़कर सभी का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वहीं मंदिर समिति देशभर से आने वाले कावड़ यात्रियों के लिए जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था करेगी। आम भक्त भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकें, इसके लिए जल पात्र लगाए जाएंगे। भक्तों को गणेश व कार्तिकेय मंडपम से ही भगवान महाकाल के दर्शन करने होंगे।
इस बार श्रावण मास में क्या है खास
इस बार 19 साल बाद श्रावण अधिकमास के रूप में आ रहा है। सावन चार जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा और अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। जहां हर वर्ष सावन 30 दिनों का होता है वहीं इस बार सावन 59 दिनों का होगा। 19 वर्षों के बाद श्रावण अधिकमास के रूप में आ रहा है। इस बार पूरे आठ सावन सोमवार का व्रत रखे जाएंगे।
कांवड़ियों व आमजन के लिए जलाभिषेक कलश
श्रावण मास में शिव को जल अर्पण करने भारी संख्या में कांवड़ यात्री व आम भक्त यहां पहुंचते हैं। उनके लिए बाहर से जल चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। यहां विशेष कलश रखे जाएंगे जिनमें अर्पित जल महादेव को चढ़ाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
जानें गर्भगृह में प्रवेश के नियम
महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने वाले के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। जिनका पालन करना जरूरी है। यहां प्रवेश करने वाले महिलाओं के लिए साड़ी और पुरुषों के लिए धोती पहनना अनिवार्य है। ये नियम बरसों से चला आ रहा है। वहीं मंगलवार से शुक्रवार तक भीड़ कम होने पर दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति रहती थी जो श्रावण मास के दौरान बंद रहेगी।
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