–चक्रवात ‘बिपारजॉय’ : तटीय इलाकों से 50 हजार को निकाला गया, रक्षा मंत्री ने की बैठक

—केंद्रीय गृहमंत्री ने रद्द की रैली, व्यवस्थाओं की खुद करेंगे मानिटरिंग

—आज शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास टकराएगा तूफान

इंट्रो

चक्रवात ‘बिपारजॉय’ को लेकर गुजरात में अलर्ट है। चक्रवात 15 जून की शाम तक कच्छ जिले के जखाऊ पोर्ट से टकराएगा। इस बीच, बुधवार शाम कच्छ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके साथ गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है। इधर, बुधवार को 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया गया।

मांडवी/अहमदाबाद। गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले अधिकारियों ने राज्य के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 50 हजार लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि ‘बिपारजॉय’ के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को तेज हवाओं एवं भारी बारिश का सामना करना पड़ा। आईएमडी ने कहा कि ‘बिपारजॉय’ बुधवार को मार्ग बदलने और उत्तर-पूर्व दिशा में कच्छ तथा सौराष्ट्र की ओर बढ़ने को तैयार है। यह गुरुवार शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास टकराएगा।

इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। तैयारियों की समीक्षा करने के बाद सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। सिंह ने ट्विटर पर कहा, तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के संबंध में सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा, सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति या आपात स्थिति से निपटने में अधिकारियों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल भी तैयार हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुक में सबसे ज्यादा 121 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, द्वारका और कल्याणपुर में इस अवधि में क्रमश: 92 मिलीमीटर और 70 मिलीमीटर पानी बरसा।

विज्ञप्ति के मुताबिक, इस अवधि में जामनगर, जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर और कच्छ जिले के नौ तालुक में 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। एसईओसी के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र और कच्छ जिले के 54 तालुक में 10 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा। प्रदेश राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, चक्रवात अभी कच्छ से लगभग 290 किलोमीटर दूर है। एहतियाती कदम के तौर पर हमने लगभग 50 हजार लोगों को तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है। निकासी अभियान अभी भी जारी है और शाम तक शेष पांच हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पांडे ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि जिन 50 हजार लोगों को निकाला गया है, उनमें से 18 हजार को कच्छ जिले के शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, जबकि अन्य को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

ऐसी तैनाती

15 दल एनडीआरएफ

12 दल एसडीआरएफ

115 दल सड़क-भवन विभाग

397 दल विद्युत विभाग

दो-तीन मीटर ऊंची तूफानी लहरें

आईएमडी ने कहा कि चक्रवात की दस्तक के दौरान समुद्र में खगोलीय ज्वार से लगभग दो-तीन मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठने के कारण प्रभावित जिलों के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। विभाग के अनुसार, कुछ जगहों पर तीन से छह मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। गुरुवार शाम को समुद्री स्थितियों के सामान्य अवस्था में लौटने से पहले अत्यधिक खराब या अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचने की आशंका है।

गुजरात के इन इलाकों में अलर्ट

आईएमडी के मुताबिक, कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले में ये हवाएं धीरे-धीरे 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार अख्तियार कर लेंगी। फिर गुरुवार तक 150 किलोमीटर प्रति घंटे के स्तर पर पहुंच जाएंगी। ऐसे में मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है।

जहाज निर्माता चिंतित

इस बीच, गुजरात तट पर स्थित मांडवी शहर के पारंपरिक जहाज निर्माता इस बात से चिंतित हैं कि चक्रवात से उनके उद्योग को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि तट पर निर्माणाधीन जहाजों को सुरक्षा के लिए आसानी से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। अब्दुल्ला यूसुफ माधवानी ने कहा, एक जहाज को बनाने में लगभग दो साल लगते हैं। एक जहाज के निर्माण में लगभग 50 से 70 लाख रुपए का खर्च आता है। हमें डर है कि चक्रवात उन जहाजों को नष्ट कर देगा जो निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।

गुजरात- महाराष्ट्र में अब तक नौ लोगों की मौत

तूफान के चलते गुजरात और महाराष्ट्र में नौ मौतों की जानकारी सामने आई है। इनमें से सात मौतें सोमवार को हुई, जिनमें दो बच्चे भुज के थे, जिन पर दीवार गिर गई। वहीं, राजकोट में अपने पति के साथ स्कूटर पर बैठकर जा रही महिला पर पेड़ गिर गया। बाकी चार मौतें मुंबई के जुहू बीच पर हुईं, जहां घूमने गए पांच में से चार लड़के समुद्र में डूब गए थे। मंगलवार को इनके शव बरामद हुए। इसके अलावा दो नई मौतें मंगलवार को गुजरात में हुईं। मोरबी जिले में फैक्ट्री में काम करने के दौरान मध्यप्रदेश की एक महिला पर चिमनी गिर गई। वहीं, पोरबंदर में एक जर्जर इमारत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई।

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