-राकांपा में चल रही उठापटक के बीच पवार ने कहा
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पद से हटने का उनका फैसला पार्टी का भविष्य और नया नेतृत्व बनाने के लिए लिया गया है। शहर में ‘वाई बी चव्हाण सेंटर’ के बाहर पवार ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की उपेक्षा नहीं की जाएगी। पवार के समर्थक पार्टी प्रमुख के रूप में उनके पद पर बने रहने की मांग को लेकर यहां डेरा डाले हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने समर्थकों से कहा, “मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मुझे अपनी योजनाओं के बारे में आप सभी से चर्चा करनी चाहिए थी और आपको भरोसे में लेना चाहिए था। लेकिन मैं जानता हूं कि आपने मुझे (पार्टी प्रमुख के पद से हटने का) फैसला लेने की अनुमति नहीं दी होती।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बाहर के कुछ पार्टी सहयोगी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को उनसे मिलेंगे। उन्होंने कहा, “मैं एक या दो दिन में अंतिम फैसला लूंगा।”वाई बी चव्हाण सेंटर के बाहर डेरा डाले उनके समर्थकों ने जहां पवार के प्रति अपनी भावनाओं का मजबूती से इजहार किया वहीं पवार उन्हें शांत करने की कोशिश करते दिखे।
राकांपा घटनाक्रम का एमवीए गठबंधन पर नहीं पड़ेगा प्रभाव : ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के पार्टी प्रमुख के रूप में पद छोड़ने के फैसले से महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को नुकसान नहीं होगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे विपक्ष की एकता को ठेस पहुंचे। ठाकरे ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तानाशाही के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा के घटनाक्रम से एमवीए गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा।” उन्होंने हालांकि पवार के राकांपा प्रमुख का पद छोड़ने के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शरद पवार (82) ने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाति’ के अद्यतन संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में राकांपा प्रमुख का पद छोड़ने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस एमवीए में साझेदार हैं। इस गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार ने नवंबर, 2019 से जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया था।
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