गुजरात हाईकोर्ट से राहुल को राहत नहीं, फैसला गर्मी की छुट्टी के बाद

नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया है। राहुल गांधी मोदी सरनेम को लेकर सूरत कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें किसी तरह से राहत नहीं दी जा सकती है। हम इस मामले को लेकर गर्मी की छुट्टी के बाद फैसला सुनाएंगे। राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया था।

बता दें कि सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। संसद सदस्यता रद्द किए जाने के कुछ दिन बाद ही राहुल गांधी को दिल्ली में अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा था। बंगला खाली करते समय राहुल गांधी ने कहा था कि वो सिर्फ सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं। वो आगे भी ऐसे ही सच बोलते रहेंगे। भले ही उन्हें इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

राहुल वकील ने दी थी ये दलील

बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी की तरफ से सजा रद्द करने के लिए सूरत कोर्ट में दलील भी पेश की गई थी। उस दौरान राहुल गांधी की तरफ से कोर्ट में दूसरी दलील यह दी गई थी कि राहुल का ये बयान ठीक वैसा ही है जैसा लोग आम बोलचाल में बोल देते हैं कि ‘नेता तो भ्रष्ट होते हैं। पंजाबी लोग तो बड़े झगड़ालू होते हैं। ‘बंगाली लोग काला जादू करते हैं। ऐसे में अगर कोई नेता, पंजाबवासी या बंगाली देश की किसी कोर्ट में जाकर मुकदमा कर दे कि इससे मेरी मानहानि हुई है, तो इसे मानहानि नहीं कहा जा सकता।

पूरे देश में 13 करोड़ से ज्यादा मोदी

सूरत कोर्ट में राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि ऐसा दावा किया जाता है कि पूरे भारत में 13 करोड़ मोदी हैं। मोदी सरनेम कोई संघ नहीं है, लेकिन कहा गया है कि 13 करोड़ से अधिक मोदी हैं। गोसाई एक जाति है, और गोसाई जाति के लोगों को मोदी कहा जाता है। राहुल की तरफ से वकील ने कहा था कि मोदी बिरादरी क्या है, इसे लेकर बहुत भ्रम है। अगर हम इस समूह की पहचान करने की कोशिश करते हैं, तो सबूत हमें भ्रमित करते हैं।

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