- एयर इंडिया के पायलट यूनियनों ने दी चेतावनी
नई दिल्ली। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन एयर इंडिया के पायलटों के दो संघों ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर उनके किसी सदस्य को हटाया जाता है तो वे ‘किसी भी हद’ तक जा सकते हैं। संघों ने यह चेतावनी कंपनी प्रबंधन के वेतन संरचना एवं नौकरी की शर्तों को संशोधित करने के ‘एकतरफा’ फैसले के बाद जारी की है। एयर इंडिया ने 17 अप्रैल को अपने पायलटों और चालक दल के सदस्यों के लिए एक नई मुआवजा प्रणाली तैयार की है। इसे दो संघों- भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने खारिज कर दिया है। संशोधित मुआवजा प्रणाली के तहत एयर इंडिया ने गारंटीयुक्त फ्लाइंग अलाउंस को 20 घंटे से बढ़ाकर 40 घंटे कर दिया है। इसके साथ ही पायलटों को सेवा के वर्ष के आधार पर सर्विस रिवॉर्ड दिया जाएगा। पायलट्स और मैनेजमेंट के बीच विवाद की जड़ 40 घंटे का फ्लाइंग अलाउंस है, जो महामारी से पहले 70 घंटे हुए करता था। आईसीपीए-आईपीजी के संयुक्त संकल्प के अनुसार, “यदि हमारे संघ के किसी भी सदस्य या सदस्यों को संशोधित नियमों और शर्तों पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण प्रबंधन द्वारा हटाया जाता है, तो आईसीपीए और आईपीजी ने सदस्य या सदस्यों की बहाली होने तक उनकी रक्षा करने के लिए एकजुट होकर किसी भी हद तक जाने का संकल्प लिया है।”
यूनियन का आरोप
एयर इंडिया के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर सुरेश दत्त त्रिपाठी को भेजे गए नोटिस में यूनियन ने आरोप लगाया है कि सर्विस के नियमों और शर्तों के मामले में व्यक्तिगत रूप से मेंबर्स पायलटों से संपर्क करने की कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण, जबरदस्ती और डराने वाली है, बल्कि ये गैरकानूनी भी है। इस संबंध में एयर इंडिया से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। एयर इंडिया की ओर से संशोधित वेतन संरचना और सेवा शर्तों को प्रसारित करने के तुरंत बाद दोनों संघों ने अपने सदस्यों से दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया। संघों का कहना है कि नियम और शर्तें उन पर थोपी जा रही हैं। इसके अलावा, दोनों संघों ने प्रबंधन कैडर में चार साल से अधिक के अनुभव वाले वरिष्ठ पायलटों को पदोन्नति देने के कंपनी प्रबंधन के कदम को संघों को खत्म करने के उद्देश्य के रूप में भी करार दिया।
एयरलाइन के एक सूत्र के मुताबिक, चालक दल के सदस्यों की प्रमुख चिंता मेडिकल असेसमेंट को लेकर है, जबकि इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक संगठन के रूप में कंपनी डीजीसीए के अनुरूप व्यक्ति के स्वास्थ्य और उड़ान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उड़ान के लिए उनकी फिटनेस का पता लगाने का अधिकार सुरक्षित रखती है।
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