पीएफआई सदस्यों की तलाश
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार सुबह मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के 17 ठिकानों पर छापे मारे हैं। प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कनेक्शन की जांच करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। एनआईए को पीएफआई के कुछ सदस्यों की तलाश है। यह छापेमारी उत्तरप्रदेश और बिहार, पंजाब और गाेवा समेत अन्य राज्यों में भी की गई है। अधिकृत सूत्रों के अनुसार मामला बिहार के फुलवारी शरीफ में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है। बिहार में पीएफआई इतना एक्टिव क्यों है और उसे रसद कहां से मिल रही है, इसकी जांच की जा रही है। इस वजह से जिन स्थानों पर छापे मारे गए हैं, उनमें सबसे अधिक 12 स्थान बिहार के हैं। इसके अलावा उत्तरप्रदेश में दो, पंजाब और गोवा में एक-एक शहर में भी छापा मारा गया है। खबरें आ रही थी कि मध्यप्रदेश के खंडवा में भी छापेमारी की गई है। हालांकि, खंडवा एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने साफ किया कि सामान्य तौर पर जब इस तरह की कार्रवाई होती है तो लोकल पुलिस से संपर्क किया जाता है। अब तक हमारे पास कोई इनपुट नहीं है। हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। अधिकृत तौर पर हम कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।
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बिहार के दरभंगा में उर्दू बाजार में डेन्टिस्ट डॉ सारिक रजा और शंकरपुरा गांव में महबूब के घर पर रेड मारी गई है। वहीं, मोतिहारी के चकिया में पीएफआई के सदस्य सज्जाद के घर टीम पहुंची। टीम यहां से सज्जाद का आईडी कार्ड लेकर गई है।
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गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियां
एनआईए ने फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के संबंध में जनवरी में पटना में चार्जशीट दाखिल की थी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने उस समय बताया था कि चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं। 12 जुलाई 2022 को फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। 10 दिन बाद एनआईए ने फिर से मामला दर्ज किया और जांच अपने हाथ में ले ली। इस मामले में पीएफआई से जुड़े सदस्यों पर गैरकानूनी व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। यह लोग पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में जुटे थे।
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