- पुलिस की थ्योरी में जितने जवाब हैं, उससे ज्यादा पैदा हो रहे हैं सवाल
-यूपी के माफिया डॉन की पिछले दिनों पुलिस कस्टडी में की गई है हत्या
- मेडिकल कराने से लेकर सुरक्षा तक कई जगह खड़े हैं प्रश्नचिह्न
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मीडिया कैमरों के सामने हत्या ने यूपी में सनसनी फैला दी है। कभी आतंक का पर्याय रहे अतीक अहमद की पुलिस हिरासत में जिस तरह हत्या हुई है, वह अब तक किसी को हजम नहीं हो रही। भले ही अतीक अहमद दुर्दांत अपराधी था, लेकिन अदालत से इतर सजा मिलना सवाल भी खड़े कर रहा है। अब तक की जांच में पुलिस का कहना है कि हमलावरों ने डॉन बनने और नाम कमाने के मकसद से यह हमला किया था। लेकिन पुलिस की थ्योरी में जितने जवाब हैं, उससे ज्यादा सवाल पैदा हो रहे हैं। अतीक अहमद का मेडिकल कराने से लेकर उसकी सुरक्षा तक ऐसे ही कई अहम सवाल हैं।
अतीक अहमद के मेडिकल को लेकर अहम सवाल यही है कि आखिर पुलिस उन्हें देर रात को क्यों लेकर गई? उन्हें दिन में भी ले जाया जा सकता था, जब रोशनी कुछ बेहतर होती। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने बुलेटप्रूफ जैकेट्स भी नहीं पहनी थीं। ऐसे कैदी जिसकी सुरक्षा में खतरा हो और हमले का अंदेशा हो, उसे लाते या ले जाते वक्त ऐसा करना जरूरी था। यही नहीं हमलावरों ने जब फायरिंग की तो पुलिस की ओर से कोई जवाबी ऐक्शन क्यों नहीं हुआ। अंत में भी बिना कोई हथियार निकाले ही पुलिस ने उन हमलावरों को पकड़ा, जबकि मौके पर तीन दर्जन पुलिस वाले मौजूद थे।
कैसे पता लगा अतीक का मेडिकल कराने आएगी पुलिस
ऐसे हाईप्रोफाइल कैदियों की आवाजाही की सूचना आमतौर पर गुप्त ही रखी जाती है। फिर सवाल यह भी है कि अतीक को मेडिकल के लिए लाने की जानकारी कैसे हमलावरों तक पहुंच गई। हमलावरों को गरीब परिवारों का बताया जा रहा है। सनी सिंह और अरुण तो बेहद गरीब परिवारों से हैं और कमाई का कोई जरिया भी नहीं है। ऐसे में इन लोगों के पास तुर्की में बनी लाखों रुपये की पिस्तौल कैसे पहुंचीं। यह भी एक सवाल है। क्या इन्हें किसी गैंगस्टर के जरिए ये हथियार मुहैया कराए गए हैं। यदि ऐसा है तो मकसद सिर्फ नाम कमाना ही कैसे था?
खुफिया विभाग क्यों नहीं पकड़ पाया, किसका प्लान
कहा जा रहा है कि ये लोग मीडियाकर्मी बनकर अतीक अहमद को वॉच कर रहे थे। लेकिन खुफिया विभाग कैसे इन लोगों के बारे में दो दिन में पता नहीं लगा सका, जबकि प्रयागराज के एक होटल में भी ये लोग ठहरे थे। हत्यारों का यह कहना कि वे अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बनना चाहते थे, यह बात भी सवाल उठाती है। यदि ऐसा ही था तो कत्ल के बाद इन लोगों ने सरेंडर क्यों किया। इतनी बड़ी घटना को बिना प्लान के अंजाम नहीं दिया जा सकता और ऐसा खतरनाक प्लान इन लड़कों के बस का नहीं हो सकता। इसलिए यह भी एक अहम सवाल है कि पूरी साजिश के पीछे कौन है।
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