‘भाजपा से कभी हाथ नहीं मिलाएगी राकांपा’

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में उद्धव ठाकरे से कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ कभी हाथ नहीं मिलाएगी, भले ही कोई ऐसा करने का व्यक्तिगत फैसला ले। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका के सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस बीच, राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार के राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी मुद्दे पर राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक स्तंभ रोकटोक में यह टिप्पणी की। हालांकि, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने इस तरह की अटकलों को निराधार बताया और शनिवार रात मुंबई में केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह से मिलने से इनकार किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस राज्य में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक दल हैं।

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जलवायु परिवर्तन से निपटने को भारत में हो रहे सामूहिक प्रयास

  • जी7 की बैठक में बोले केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। पर्यावरणीय एक्शन के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से समग्र रूप से निपटने की जरूरत है। जापान के साप्पोरो में जी7 की बैठक में भारत ने ये बातें कही। जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण के मुद्दे पर यह बैठक हो रही थी। जी7 की मंत्रियों की एक बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत में सामूहिक प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें व्यक्तिगत के साथ ही समुदाय की कोशिशों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिशन लाइफ के तहत लोगों को जागरुक किया जा रहा है ताकि समुदाय के व्यवहार का पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़े और जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सके। भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बीते साल आईआईएफई मिशन लॉन्च किया था ताकि लोगों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाकर लोगों को जागरुक किया जाए कि प्राकृतिक संसाधनों को समझदारी से इस्तेमाल किया जाए।

जलवायु परिवर्तन मानवता के लिए गंभीर चुनौती

उन्होंने कहा कि अपने इकोसिस्टम की सुरक्षा और उसे फिर से बहाल करने से जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सकता है। यही वजह है कि हम पर्यावरणीय कार्रवाई से जलवायु परिवर्तन से निपटने पर जोर दे रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, मरुस्थल का बढ़ना और जैव विविधता का नुकसान गहरे तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह मानवता के लिए गंभीर चुनौती हैं। रियो सम्मेलन से इन चुनौतियों से निपटने में खासी प्रगति हुई है।

भारत ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं और महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। भूपेंद्र यादव ने कहा कि हर देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जिम्मेदारी उठाए लेकिन विकसित देश इस दिशा में ज्यादा भार वहन करने की जरूरत है क्योंकि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में उनकी ज्यादा भूमिका है। उन्हें उम्मीद है कि जी7 देश जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए कड़े कदम उठाएंगे क्योंकि हमारे पास एक ही पृथ्वी है और हम एक परिवार है, जिनका एक ही भविष्य है। बता दें कि जी7 देशों में कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं।

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