अस्पतालों में बेड पर कोरोना के मरीज, मुस्तैद दिखे डॉक्टर और स्टाफ नर्स

—देशभर में कोरोना के बढ़ते केस पर अलर्ट, अस्पतालों में मॉक ड्रिल

— केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री ने लिया अस्पतालाें का जायजा

इंट्रो

देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं। कोविड 19 से निपटने की तैयारियों के लिए 10 और 11 अप्रैल को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। सोमवार को देश के अस्पतालों में बेड पर कोरोना के डमी मरीज दिखाई दिए। डॉक्टर और स्टाफ नर्स अस्पतालों में मुस्तैद नजर आए।

हरिभूमि न्यूज : नई दिल्ली।

कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सोमवार को अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए देशभर में कई सार्वजनिक एवं निजी केंद्रों में मॉक ड्रिल किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोविड-19 संबंधी तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल की समीक्षा के लिए अस्पताल का दौरा किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को अद्यतन आंकड़े के अनुसार भारत में कोविड-19 के 5,880 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 35,199 हो गई है। वहीं, संक्रमण से 14 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 5,30,979 हो गई है। सात अप्रैल को हुई समीक्षा बैठक में मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से अस्पतालों का दौरा करने और 10 एवं 11 अप्रैल को तैयारियों पर पूर्वाभ्यास का निरीक्षण करने का अनुरोध किया था। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रधान एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ ऑनलाइन बैठक में मांडविया ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के मामलों के बढ़ते रूझानों निगरानी करने, जांच और टीकाकरण बढ़ाने तथा अस्पतालों के बुनियादी ढांचा की तैयारी सुनिश्चित कर ऐसे आपात ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने और संक्रमण की पुष्टि वाले नमूनों का समग्र जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने के अलावा उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे जागरुकता पैदा करने पर जोर दिया। बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया गया कि वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वायरस के वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट(वीओआई), एक्सबीबी.1.5 और छह अन्य स्वरूपों (बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफ और एक्सबीबी.1.16) पर बारीकी से नजर रख रहा है। वायरस का वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) उन स्वरूपों को कहा जाता है जिनके स्वरूपों में परिवर्तन के शुरुआती वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं और जो तेजी से प्रसारित हो रहे हैं। बैठक के दौरान यह भी पाया गया कि 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जांच दर मौजूदा राष्ट्रीय औसत प्रति 10 लाख लोगों पर 100 जांच की तुलना में कम है। मांडविया ने कहा था कि वायरस के नए स्वरूपों के आने के बावजूद पांच नियमों जांच – निगरानी – उपचार – टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन की रणनीति कोविड-19 प्रबंधन के लिए आजमाई हुई रणनीति बनी हुई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी जांच की दर में तेजी लाने और परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की भागीदारी बढ़ाने का अनुरोध किया गया।


24 घंटे में 5,880 नए मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सोमवार को भारत में कोविड-19 के 5,880 नए मामले दर्ज किए गए हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 35,199 हो गई है। वहीं, संक्रमण से 14 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 5,30,979 हो गई है। देश में फिलहाल कोरोना वायरस के कुल 35,199 पर पहुंच गई है।

अस्पतालों में डेमो, बारीकी से देखीं व्यवस्थाएं

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया कि मॉक ड्रिल के दौरान अस्पताल स्टाफ को बताया गया कि यदि कोविड का कोई मरीज आता है, तो फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट कैसे करेंगे। मॉकड्रिल के दौरान पाया गया कि सभी राज्यों के प्राय: सभी बड़े अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त रहीं। कई अस्पतालों में कुछ खामियां नजर आई जिन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए।

कोरोना से बचने, जागरुकता पैदा करना जरूरी

जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने और संक्रमण की पुष्टि वाले नमूनों का समग्र जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने के अलावा उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे जागरुकता पैदा करने पर जोर दिया। मांडविया ने कहा कि कोरोना रोकने जांच, निगरानी, उपचार, टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन मसलन मास्क लगाना व साफ-सफाई रखने के लिए जागरूकता पैदा करना होगी।

हॉटस्पॉट की पहचान करने की आवश्यकता

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में ऐसे आपात हॉटस्पॉट की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया था जहां कोरोना का फैलाव ज्यादा हो रहा है। मांडविया ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण के बढ़ते मामलों की निगरानी करने, जांच और टीकाकरण बढ़ाने तथा अस्पतालों के बुनियादी ढांचा दुरुस्त रखने निर्देश दिए थे। इसी के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

पीपीई किट पर नजर आए स्वास्थ्य कर्मी

मॉकड्रिल के दौरान कई अस्पताल में एक बार फिर पीपीई किट पहने स्वास्थ्य कर्मी नजर आए। जिससे कोरोना के दौर की यादें ताजा हो गईं। अस्पताल प्रशासन आश्वस्त कराया गया कि कोरोना से निपटने उनकी पूरी तैयारी है। यदि कोई कोरोना का पेशेंट आता है तो हमारी टीम पूरी तत्परता से उसका इलाज करेगी। इसके अलावा आवश्यक दवाइयां, ऑक्सीजन, प्रशिक्षित स्टाफ की तैयारी भी पूरी है।

कोवोवैक्स को ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ की मंजूरी

कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स टीके को वयस्कों के लिए ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ खुराक के तौर पर कोविन पोर्टल में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ का अर्थ है कि किसी व्यक्ति ने विगत में कोई टीका लगवाया हो तो उसे बूस्टर खुराक के तौर पर किसी अन्य कंपनी का टीका लगाया जा सकता है। कोवोवैक्स के कुछ दिनों में पोर्टल पर उपलब्ध होने की संभावना है और इसकी कीमत संभवत: 225 रुपये प्रति खुराक होगी। इसके अलावा मूल्य पर जीएसटी भी लागू होगा। इसका मतलब है कि कोवोवैक्स उन लोगों को दिया जा सकता है जिन्होंने पहले कोविशील्ड या कोवैक्सिन टीके लगवाए हैं।

आईएमए ने कोरोना की बढ़ाई तीन वजह

00 कोविड प्रोटोकॉल के पालन में ढिलाई या नियमों का उल्लंघन है। बिना मास्क के निकलना शुरू कर दिया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा

00 कोरोना के केस में इजाफा का कारण कम परीक्षण दर को भी बताया है। बीते महीनों टेस्टिंग में काफी गिरावट दर्ज की गई है, ऐसे में तेजी आई।

00 इसके साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट भी इसके केस में उछाल का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

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