देश को प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी होनी चाहिए: राउत

मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी देने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि इसे छिपाने की क्या जरूरत है। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री संसद भवन के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसदों और देश को उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी होनी चाहिए। राउत ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की। गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन दिन पहले केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री की जानकारी देने को कहा गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता महाराष्ट्र में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के बारे में बोलते समय उन्हें संयम बरतना चाहिए। पाटिल ने पुणे में कहा, ‘‘सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति पर टिप्पणी करने के दौरान राजनीति और सामाजिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में कुछ संहिताओं का पालन करने की जरूरत है। आरोपों का स्तर गिरता जा रहा है।” उल्लेखनीय है कि सीआईसी के आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की अपील स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बिरेन वैष्णव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। राउत ने सोमवार को कहा, “नरेंद्र मोदी ने रेलवे प्लेटफॉर्म पर चाय बेची और ‘इन्टायर पोलिटिकल सांइस’ में एम.ए. किया। यह डिग्री ऐतिहासिक और क्रांतिकारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के भव्य प्रवेश द्वार पर अपनी डिग्री प्रदर्शित करें… पूरी संसद और देश को उनकी शिक्षा के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके पीछे क्या रहस्य है, इसे कोई क्यों छिपाएगा।” राउत ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और अपनी डिग्री के बारे में हमें बताना चाहिए। (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह ने सबसे पहले डिग्री प्रमाणपत्र लोगों को दिखाया था।” शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता राउत ने कहा कि केजरीवाल ने उनकी (प्रधानमंत्री मोदी की) डिग्री का ब्यौरा मांगा, लेकिन उन पर (गुजरात की एक अदालत द्वारा) 25,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया गया। उन्होंने कहा, \”अगर राष्ट्रपति, उच्च न्यायालय/ उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश या, हमारी डिग्री मांगी जा सकती है, तो प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता को क्यों छुपाया जाए? मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी को आगे आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।\” राउत ने दावा किया कि भाजपा के ज्यादातर नेताओं की डिग्री \”फर्जी\” है। उन्होंने कहा, ‘यह फर्जी डिग्री की फैक्टरी है, आप यह जानते हैं। किसी का भी नाम लें और उनकी डिग्री की जांच कर लें।” यह सवाल किए जाने पर कि क्या अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे से संसद में ध्यान हटाने के लिए डिग्री मामला सामने आया, राउत ने कहा, “गौतम अडाणी का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। हमारे नेता उद्धव ठाकरे ने भी इसे उठाया है और छत्रपति संभाजीनगर में रविवार की अपनी रैली में इस मुद्दे पर जोर दिया था।” राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी समर्थन किया, जिन्हें उनकी एक टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना अवैध है और मामला भी फर्जी है। मुझे यकीन है कि गुजरात उच्च न्यायालय राहुल के साथ न्याय करेगा।” देश में हिंसा की कुछ हालिया घटनाओं को लेकर राउत ने दावा किया, ‘‘देश में हिंसा और दंगे भड़काने के लिए भाजपा ने एक नया प्रकोष्ठ बनाया है। वह आम चुनाव का सामना करने या उसे टालने से पहले चाहती है कि इस तरह की अधिक से अधिक घटनाएं हों। हुगली या हावड़ा में हिंसा किसने शुरू की? महाराष्ट्र में कौन कर रहा है?” राउत ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम बंगाल की हिंसा भाजपा प्रायोजित है, जिसका मकसद 2024 का लोकसभा चुनाव है। वे राजनीतिक लाभ के लिए कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं। राज्यों का चयन इस प्रकार किया जाता है जहां या तो भाजपा सत्ता में नहीं है या भाजपा की सरकार कमजोर है, जैसे कि महाराष्ट्र।” उन्होंने आश्चर्य जताया कि रामनवमी का त्योहार हिंसा का कारण कैसे हो सकता है।

राउत ने महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे नीत सरकार पर भी निशाना साधा और कहा, ‘‘महाराष्ट्र में शिंदे खेमा-भाजपा सरकार काफी कमजोर और अलोकप्रिय है।” उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से किसी ने नहीं रोक रखा है। भाषा सुभाष प्रशांत
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