इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर से बड़ी खबर है। रामनवमी के मौके पर यहां के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी की छत धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बावड़ी को बंद करने का फैसला लिया। प्रशासन ने बावड़ी को मलबे से भर दिया। साथ ही उसके पास बन रहे शिव मंदिर पर भी बुलडोजर चला दिया। पटेल नगर में 3 अप्रैल को सुबह 5 बजे से नगर निगम का बुलडोजर चलना शुरू हुआ। पहले मंदिर से भगवान की मूर्तियों को हटाया गया। ये मूर्तियां इतनी वजनी थीं कि इन्हें क्रेन से हटाना पड़ा। एक-एक मूर्ति का वजन करीब 400 किलो तक था। इसके बाद निर्माणाधीन मंदिर पर जेसीबी चलना शुरू हुई। कुछ रहवासियों और हिंदू संगठनों ने निर्माणाधीन मंदिर तोड़ने का विरोध किया, लेकिन भारी पुलिस बल और बड़ी संख्या में निगमकर्मियों के मौजूद रहने से विरोध ज्यादा देर तक नहीं चल पाया। रहवासी इस मंदिर को जनसहयोग से बनने का हवाला देकर इसे न गिराने की मांग कर रहे थे।
विधिविधान से हटाए गए ‘भगवान’
मंदिर से सबसे पहले पूरे विधि विधान से भगवान झूलेलाल, शिवजी, माताजी, गणेशजी, हनुमानजी और भेरू बाबा की मूर्तियों को शिफ्ट किया गया। सभी मूर्तियों को नौलखा के कांटाफोड़ मंदिर में शिफ्ट किया गया है। मूर्तियों के शिफ्ट होने के बाद सुबह 9 बजे से फिर निर्माणाधीन मंदिर और पुराने मंदिर को तोड़ना शुरू किया गया।
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